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Friday, January 9, 2015

हिंसा..
हम मानव जाती का प्रतिनिधित्व करते है अतः हमे हिंसा ,दुसरो को पीड़ा या नुक्सान करना आदि दोषों से दूर रहना चाहिए , बचना चाहिए 
सफलता..
जब कोई कार्य पूरे मनोयोग , तल्लीनता और प्रेम व समर्पण से किया जाता है तो उसमे सफलता निश्चित हो जाती है ! यदि सफलता विलम्ब से भी मिले तो भी उससे प्राप्त होने वाले आनंद की अनुभूति सफलता प्राप्प्त होने के आनंद जैसी ही होती है ! अतः काम पूरे मनोयोग और प्रेम भाव से करें !!!