भक्ति...
भक्ति भगवान् के किसी भी रूप की की जा सकती है ! कई धर्मो में भगवन को निराकार रूप में भी माना और पूजा जाता है ! असल उद्देश्य मन की एकाग्रता , पवित्रता और और उस परम शक्ति को धन्यवाद देने का जो इस संसार रुपी माया जाल को बड़ी न्यायव्यवस्था से और सुचारू रूप से चलाती है !! भक्त के लिए भगववान पूज्य और वन्दनीय है फिर वो किसी भी आकार में हो या निराकार हो !!!