Google+

Tuesday, February 24, 2015

चित्त...मन...दिमाग.....
चित्त की शांति- एकाग्रता संसार का सबसे बड़ा सुख है !!!
समस्याएँ ..
हम सभी को जीवन में जटिल समस्याओं का सामना करना ही पड़ता है , किन्तु महत्वपूर्ण यह बात है की हम इनका सामना किस तरीके से करतें है !!!

Tuesday, February 17, 2015

भक्ति...
भक्ति भगवान् के किसी भी रूप की की जा सकती है ! कई धर्मो में भगवन को निराकार रूप में भी माना और पूजा जाता है ! असल उद्देश्य मन की एकाग्रता , पवित्रता और और उस परम शक्ति को धन्यवाद देने का जो इस संसार रुपी माया जाल को बड़ी न्यायव्यवस्था से और सुचारू रूप से चलाती है !! भक्त के लिए भगववान पूज्य और वन्दनीय है फिर वो किसी भी आकार में हो या निराकार हो !!!

Monday, February 9, 2015

मुलेठी;;---
१- मुलेठी चूर्ण और आंवला चूर्ण २-२ ग्राम की मात्रा में मिला लें | इस चूर्ण को दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह- शाम चाटने से खांसी में बहुत लाभ होता है |
२- मुलेठी-१० ग्राम
काली मिर्च -१० ग्राम
लौंग -०५ ग्राम
हरड़ -०५ ग्राम
मिश्री – २० ग्राम
ऊपर दी गयी सारी सामग्री को मिलाकर पीस लें | इस चूर्ण में से एक चम्मच चूर्ण सुबह शहद के साथ चाटने से पुरानी खांसी और जुकाम,गले की खराबी,सिर दर्द आदि रोग दूर हो जाते हैं |
३- एक चम्मच मुलेठी का चूर्ण एक कप दूध के साथ लेने से पेशाब की जलन दूर हो जाती है |
४- मुलेठी को मुहं में रखकर चूंसने से मुहँ के छाले मिटते हैं तथा स्वर भंग (गला बैठना) में लाभ होता है |
५- एक चम्मच मुलेठी चूर्ण में शहद मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से पेट और आँतों की ऐंठन व दर्द का शमन होता है |
६- फोड़ों पर मुलेठी का लेप लगाने से वो जल्दी पक कर फूट जाते हैं |
बरगद का ढूध ....
1.बल-वीर्य की वृद्धिः
बड़ के कच्चे फल छाया में सुखा के चूर्ण बना लें। बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर रख लें। 10 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम दूध के साथ 40 दिन तक सेवन करने से बल-वीर्य और स्तम्भन (वीर्यस्राव को रोकने की) शक्ति में भारी वृद्धि होती है।
2.निम्न रक्तचाप में:
10 बूँद बरगद का दूध, लहसुन का रस आधा चम्मच तथा तुलसी का रस आधा चम्मच इन तीनों को मिलाकर चाटने से निम्न रक्तचाप में आराम मिलता है।
3.छाइयाँ :
बरगद का दूध चेहरे पर प्रतिदिन मलें। बीस मिनट बाद ठंडे पानी से धो डालें। बरगद के दूध में बहुत शक्ति व शीतलता होती है। इससे एक सप्ताह में आपकी छाइयाँ समाप्त हो
4.गाँठ:
शरीर में कहीं गठान हो तो प्रारम्भिक स्थिति में तो गाँठ बैठ जाती है और बढ़ी हुई स्थिति में पककर फूट जाती है।
5.अतिसार में:
दूध को नाभि में भरकर थोड़ी देर लेटने से अतिसार में आराम होता है।
6.बिवाइयाँ:
हाथ पैर में बिवाइयाँ फटी हों तो उसमें बरगद का दूध लगाने से ठीक हो जाती हैं।
7.दाँत का दर्द :
दाँतों में बड़ का दूध लगाने से दाँत का दर्द समाप्त हो जाता है।