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Sunday, October 4, 2015

आँखों के आस पास होने वाले डार्क सर्कल्स से मुक्ति !

आँखों के आस पास होने वाले डार्क सर्कल्स से मुक्ति पाने के कुछ घरेलू उपायों के बारे में जानते हैं।
1. यदि आप आलू या खीरे को काटकरउसकी स्लाइस को अपनी आँखों पर 5 मिनट तक रखते हैं तो आपकी आँखों को ठंडक पहुँचती है। अतःइस प्रयोग को रोजाना दोहराएं। इससे आपके काले घेरे जल्दी ख़त्म हो जाएंगे।
2. बादाम का तेल इस समस्या में संजीवनी बूटी की तरह है जो बेअसर नही हो सकती। रात को सोने से पहले बादाम के तेल को अपने काले घेरों पर लगाएं और सुबह धो दें। इसके नियमित प्रयोग से आप जल्द ही अपने काले घेरों से छुटकारा पा लेंगे।
3. एक और सरल उपाय है टमाटर के रस में निम्बू का रस मिलाकर और थोड़ा बेसन और चुटकी भर हल्दी इन सबको अच्छे से मिलाकर एक पेस्ट बना लें और इस पेस्ट को अपने डार्क सर्कल्स पर लगाएं और थोड़ी देर बाद पानी से धो दें। यह उपाय बहुत ही असरदार होता है।
4. यदि आप पुदीने की हरी पत्तियों को पीस कर उन्हें अपने डार्क सर्कल्स पर लगाएं और 20 मिनट बाद धो दें तो इससेआपकी आँखों को ठंडक पहुंचेगी और डार्क सर्कल्स भी कम हो जाएंगे।
इन सबसे बातों के अलावा सबसे ज़रूरी है की आप अपने खान पान काविशेष ध्यान रखें। ज्यादा से ज्यादा पानी पीयें, धूप में निकले से पहले सन्सक्रीम का प्रयोग अवश्य करें और फल और सलाद आदि का अधिक सेवन करें। जंक फ़ूड ना खाएं और यदि आवश्यकता पड़े तो मल्टीविटामिनटेबलेट्स का प्रयोग करें । 7-8घंटे की नींद अवश्य लें। इन सब बातों का अनुसरण कर आप अपने डार्क सर्कल्स से जल्दी छुटकारा पा सकते हैं।

Wednesday, June 24, 2015

कुछ नुस्खे: छोटे लहसुन के बड़े फायदे.......
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(इन बीमारियों में है रामबाण)
लहसुन सिर्फ खाने के स्वाद को ही नहीं बढ़ाता बल्कि शरीर के लिए एक औषधी की तरह भी काम करता है।इसमें प्रोटीन, विटामिन, खनिज, लवण और फॉस्फोरस, आयरन व विटामिन ए,बी व सी भी पाए जाते हैं। लहसुन शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाता है। भोजन में किसी भी तरह इसका सेवन करना शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होता है आज हम बताने जा रहे हैं आपको औषधिय गुण से भरपूर लहसुन के कुछ ऐसे ही नुस्खों के बारे में जो नीचे लिखी स्वास्थ्य समस्याओं में रामबाण है।

1-- 100 ग्राम सरसों के तेल में दो ग्राम (आधा चम्मच) अजवाइन के दाने और आठ-दस लहसुन की कुली डालकर धीमी-धीमी आंच पर पकाएं। जब लहसुन और अजवाइन काली हो जाए तब तेल उतारकर ठंडा कर छान लें और बोतल में भर दें। इस तेल को गुनगुना कर इसकी मालिश करने से हर प्रकार का बदन का दर्द दूर हो जाता है।

2-- लहसुन की एक कली छीलकर सुबह एक गिलास पानी से निगल लेने से रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है।साथ ही ब्लडप्रेशर भी कंट्रोल में रहता है।

3-- लहसुन डायबिटीज के रोगियों के लिए भी फायदेमंद होता है। यह शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में कारगर साबित होता है।

4-- खांसी और टीबी में लहसुन बेहद फायदेमंद है। लहसुन के रस की कुछ बूंदे रुई पर डालकर सूंघने से सर्दी ठीक हो जाती है।

5-- लहसुन दमा के इलाज में कारगर साबित होता है। 30 मिली लीटर दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से दमे में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा मिलता है। अदरक की गरम चाय में लहसुन की दो पिसी कलियां मिलाकर पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है।

6-- लहसुन की दो कलियों को पीसकर उसमें और एक छोटा चम्मच हल्दी पाउडर मिला कर क्रीम बना ले इसे सिर्फ मुहांसों पर लगाएं। मुहांसे साफ हो जाएंगे।

7-- लहसुन की दो कलियां पीसकर एक गिलास दूध में उबाल लें और ठंडा करके सुबह शाम कुछ दिन पीएं दिल से संबंधित बीमारियों में आराम मिलता है।

8-- लहसुन के नियमित सेवन से पेट और भोजन की नली का कैंसर और स्तन कैंसर की सम्भावना कम हो जाती है।

9-- नियमित लहसुन खाने से ब्लडप्रेशर नियमित रहता है। एसीडिटी और गैस्टिक ट्रबल में भी इसका प्रयोग फायदेमंद होता है। दिल की बीमारियों के साथ यह तनाव को भी नियंत्रित करती है।

10-- लहसुन की 5 कलियों को थोड़ा पानी डालकर पीस लें और उसमें 10 ग्राम शहद मिलाकर सुबह -शाम सेवन करें। इस उपाय को करने से सफेद बाल काले हो जाएंगे।

11- यदि रोज नियमित रूप से लहसुन की पाँच कलियाँ खाई जाएँ तो हृदय संबंधी रोग होने की संभावना में कमी आती है। इसको पीसकर त्वचा पर लेप करने से विषैले कीड़ों के काटने या डंक मारने से होने वाली जलन कम हो जाती है।

Saturday, May 23, 2015

मन की प्रसन्नता ही
व्यवहार में उदारता
बन जाती है !
इस लिए प्रसन्न रहने 
की आदत डालिए !!
मुझे खुद अपने से मिलने की,जुस्तजू हे बहुत,
मै अपनी ही खोज में,खुद ही भटकता रहता हूँ....!!

Friday, May 22, 2015

सफेद बालों को काला करने के घरेलू नुस्खे
वर्तमान समय में भाग दौड़ भरी जिंदगी में, बालों की ठीक से देखभाल न हो पाने और प्रदूषण के कारणहमारे बाल असमय ही सफेद हो जाते है।हालांकि बाल तनाव, प्रदूषण कोई बीमारी या‍ फिर अनुवांशिकता के कारण से भी सफेद हो सकते हैं।बालों को कलर करना इस समस्या का कोई उपचार नहीं हैं। लेकिन आप कुछ घरेलू उपचार आजमा अपने बालों को सफेद होने से अवश्य ही रोक सकते हैं। आइए हम कुछ ऐसे ही आसान घरेलू उपचार बता रहे है जिन्हे आजमा कर आप अपने सफेद बालों को पुन: काला बना पाएंगे।
*कुछ दिनों तक, नहाने से 1/2 घंटा पहले रोजाना सिर में प्याज का पेस्ट लगाएं। इससे बाल काले होने लगेंगे।
*सप्ताह में कम से कम 3 दिन दस मिनट का कच्चे पपीता का पेस्ट सिर में लगाएं। इससे बाल नहीं झड़ेंगे और डेंड्रफ भी नहीं होगी और बाल काले भी होने लगेंगे ।
*भृंगराज और अश्वगंधा की जड़ें बालों के लिए वरदान मानी जाती हैं। इनका पेस्ट नारियल के तेल के साथ बालों की जड़ों में लगाएं और 1 घंटे बाद गुनगुने पानी से अच्छीं तरह से बाल धो लें। इससे भी बाल काले होते है।
*नीबू के रस में आंवला पाउडर मिलाकर उसे सिर पर लगाने से भी सफेद बाल काले हो जाते हैं।
*प्रतिदिन शुद्ध घी से सिर की मालिश करके भी सफेद बालों को काला किया जा सकता है ।
*अदरक को कद्दूकस कर शहद के रस में मिला लें। इसे बालों पर कम से कम सप्ताह में दो बार नियमित रूप से लगाएं। बालों का सफ़ेद होना कम हो जाएगा।
*दही के साथ टमाटर को पीस लें। उसमें थोड़ा-सा नींबू रस और नीलगिरी का तेल मिलाएं। इससे सिर की मालिश सप्ताह में दो बार करें। बाल लंबी उम्र तक काले और घने बने रहेंगे।
*1/2 कप नारियल तेल या जैतून के तेल को हल्का गर्म करें। इसमें 4 ग्राम कर्पूर मिला कर इस तेल से मालिश करें। इसकी मालिश सप्ताह में एक बार जरूर करनी चाहिए। कुछ ही समय में रूसी खत्म हो जाएगी, बाल भी काले रहेंगे।
*आंवले के पाउडर में नींबू का रस मिलाकर उसे नियमित रूप से लगाएं । शैंपू के बाद आंवला पाउडर पानी में घोलकर लगाने से भी बालों की कंडीशनिंग होती है, और बाल भी काले होते है । आंवला किसी ना किसी रुप मे सेवन भी अवश्य करते रहे ।
*जाड़े में तिल अधिक से अधिक खाएं। तिल का तेल भी बालों को काला करने में मदद करता है।
*आधा कप दही में चुटकी भर काली मिर्च और चम्मच भर नींबू रस मिलाकर बालों में लगाए। 15 मिनट बाद बाल धो लें। बाल सफेद से फिर से काले होने लगेंगे।
*एक कटोरी मेहंदी पाउडर लें, इसमें दो बड़े चम्मच चाय का पानी, दो चम्मच आंवला पावडर, एक चम्मच नीबू का रस, दो चम्मच दही, शिकाकाई व रीठा पावडर, एक अंडा (अगर आप लेना चाहे तो ), आधा चम्मच नारियल तेल व थोड़ा-सा कत्था। यह सब चीजें लोहे की कड़ाही में डालकर पेस्ट बनाकर रात को भिगो दें। इसे सुबह बालों में लगाए।फिर दो घंटे बाद धो लें। इससे बाल बिना किसी नुकसान के काले हों जाएँगे। ऐसा माह में कम से कम एक बार अवश्य ही करें।

Tuesday, May 19, 2015

गर्मी....
सभी जगह पर गर्मी तेज पड  रही है ! जिसको धूप में नहीं निकलना है वो तो ठीक है मगर जिसको इस गर्मी में काम भी करना है व धूप में निकलना भी है वो ये सावधानी रखे ! जब भी धुप में निकले सफ़ेद टोपी ,कैप , या सफ़ेद कपडा सर पर लगाये , आँखों पर संभव हो तो काला चश्मा लगाये , खूब पानी पिए , छांछ  का सेवन करे , दही का सेवन करे निम्बू का शर्बत पिए ! खाने में प्याज का सेवन करे , एक छोटा प्याज जेब में रख कर निकले इससे लू लगने की संभवना कम  हो जाती है !!! तरबूज , खीरा  ककड़ी आदि का सेवन भी खूब करे शरीर में पानी की कमी किसी भी तरह नहीं होने दे !!!

Wednesday, April 8, 2015

गेहूं का ज्वारा....
इसे ग्रीन ब्लड कहने का एक कारणयह भी है कि रासायनिक संरचना पर ध्यानाकर्षण किया जाए तो गेहूँ के ज्वारे के रस और मानव मानव रुधिर दोनों का ही पी.एच. फैक्टर 7.4 ही है जिसके कारण इसके रस का सेवन करने से इसका रक्त में अभिशोषण शीघ्र हो जाता है, जिससे रक्ताल्पता(एनीमिया) और पीलिया(जांडिस)रोगी के लिए यह ईश्वर प्रदत्त अमृत हो जाता है. गेहूँ के ज्वारे के रस का नियमित सेवन और नाड़ी शोधन प्रणायाम से मानव शारीर के समस्त नाड़ियों का शोधन होकर मनुष्य समस्त प्रकार के रक्तविकारों से मुक्त हो जाता है. गेहूँ के ज्वारे में पर्याप्त मात्रा में क्लोरोफिल पाया जाता है जो तेजी से रक्त बनता है इसीलिए तो इसे प्राकृतिक परमाणु की संज्ञा भी दी गयी है. गेहूँ के पत्तियों के रस में विटामिन बी.सी. और ई प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.
गेहूँ घास के सेवन से कोष्ठबद्धता, एसिडिटी , गठिया, भगंदर, मधुमेह, बवासीर, खासी, दमा, नेत्ररोग,म्यूकस, उच्चरक्तचाप, वायु विकार इत्यादि में भी अप्रत्याशित लाभ होता है. इसके रस के सेवन से अपार शारीरिक शक्ति कि वृद्धि होती है तथा मूत्राशय कि पथरी के लिए तो यह रामबाण है. गेहूँ के ज्वारे से रस निकालते समय यह ध्यान रहे कि पत्तियों में से जड़ वाला सफेद हिस्सा काट कर फेंक दे. केवल हरे हिस्से का ही रस सेवन कर लेना ही विशेष लाभकारी होता है. रस निकालने के पहले ज्वारे को धो भी लेना चाहिए. यह ध्यान रहे कि जिस ज्वारे से रस निकाला जाय उसकी ऊंचाई अधिकतम पांच से छः इंच ही हो.
आप १५ छोटे छोटे गमले लेकर प्रतिदिन एक-एक गमलो में भरी गयी मिटटी में ५० ग्राम गेहू क्रमशः गेहू चिटक दे, जिस दिन आप १५ गमले में गेहू डालें उस दिन पहले दिन वाला गेहू का ज्वारा रस निकलने लायक हो जायेगा. यह ध्यान रहे की जवारे की जड़ वाला हिस्सा काटकर फेक देंगे पहले दिन वाले गमले से जो गेहू उखाड़ा उसी दिन उसमे दूसरा पुनः गेहू बो देंगे.यह क्रिया हर गमले के साथ होगी ताकि आपको नियमित ज्वारा मिलता रहे.

Tuesday, February 24, 2015

चित्त...मन...दिमाग.....
चित्त की शांति- एकाग्रता संसार का सबसे बड़ा सुख है !!!
समस्याएँ ..
हम सभी को जीवन में जटिल समस्याओं का सामना करना ही पड़ता है , किन्तु महत्वपूर्ण यह बात है की हम इनका सामना किस तरीके से करतें है !!!

Tuesday, February 17, 2015

भक्ति...
भक्ति भगवान् के किसी भी रूप की की जा सकती है ! कई धर्मो में भगवन को निराकार रूप में भी माना और पूजा जाता है ! असल उद्देश्य मन की एकाग्रता , पवित्रता और और उस परम शक्ति को धन्यवाद देने का जो इस संसार रुपी माया जाल को बड़ी न्यायव्यवस्था से और सुचारू रूप से चलाती है !! भक्त के लिए भगववान पूज्य और वन्दनीय है फिर वो किसी भी आकार में हो या निराकार हो !!!

Monday, February 9, 2015

मुलेठी;;---
१- मुलेठी चूर्ण और आंवला चूर्ण २-२ ग्राम की मात्रा में मिला लें | इस चूर्ण को दो चम्मच शहद मिलाकर सुबह- शाम चाटने से खांसी में बहुत लाभ होता है |
२- मुलेठी-१० ग्राम
काली मिर्च -१० ग्राम
लौंग -०५ ग्राम
हरड़ -०५ ग्राम
मिश्री – २० ग्राम
ऊपर दी गयी सारी सामग्री को मिलाकर पीस लें | इस चूर्ण में से एक चम्मच चूर्ण सुबह शहद के साथ चाटने से पुरानी खांसी और जुकाम,गले की खराबी,सिर दर्द आदि रोग दूर हो जाते हैं |
३- एक चम्मच मुलेठी का चूर्ण एक कप दूध के साथ लेने से पेशाब की जलन दूर हो जाती है |
४- मुलेठी को मुहं में रखकर चूंसने से मुहँ के छाले मिटते हैं तथा स्वर भंग (गला बैठना) में लाभ होता है |
५- एक चम्मच मुलेठी चूर्ण में शहद मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करने से पेट और आँतों की ऐंठन व दर्द का शमन होता है |
६- फोड़ों पर मुलेठी का लेप लगाने से वो जल्दी पक कर फूट जाते हैं |
बरगद का ढूध ....
1.बल-वीर्य की वृद्धिः
बड़ के कच्चे फल छाया में सुखा के चूर्ण बना लें। बराबर मात्रा में मिश्री मिलाकर रख लें। 10 ग्राम चूर्ण सुबह-शाम दूध के साथ 40 दिन तक सेवन करने से बल-वीर्य और स्तम्भन (वीर्यस्राव को रोकने की) शक्ति में भारी वृद्धि होती है।
2.निम्न रक्तचाप में:
10 बूँद बरगद का दूध, लहसुन का रस आधा चम्मच तथा तुलसी का रस आधा चम्मच इन तीनों को मिलाकर चाटने से निम्न रक्तचाप में आराम मिलता है।
3.छाइयाँ :
बरगद का दूध चेहरे पर प्रतिदिन मलें। बीस मिनट बाद ठंडे पानी से धो डालें। बरगद के दूध में बहुत शक्ति व शीतलता होती है। इससे एक सप्ताह में आपकी छाइयाँ समाप्त हो
4.गाँठ:
शरीर में कहीं गठान हो तो प्रारम्भिक स्थिति में तो गाँठ बैठ जाती है और बढ़ी हुई स्थिति में पककर फूट जाती है।
5.अतिसार में:
दूध को नाभि में भरकर थोड़ी देर लेटने से अतिसार में आराम होता है।
6.बिवाइयाँ:
हाथ पैर में बिवाइयाँ फटी हों तो उसमें बरगद का दूध लगाने से ठीक हो जाती हैं।
7.दाँत का दर्द :
दाँतों में बड़ का दूध लगाने से दाँत का दर्द समाप्त हो जाता है।

Friday, January 9, 2015

हिंसा..
हम मानव जाती का प्रतिनिधित्व करते है अतः हमे हिंसा ,दुसरो को पीड़ा या नुक्सान करना आदि दोषों से दूर रहना चाहिए , बचना चाहिए 
सफलता..
जब कोई कार्य पूरे मनोयोग , तल्लीनता और प्रेम व समर्पण से किया जाता है तो उसमे सफलता निश्चित हो जाती है ! यदि सफलता विलम्ब से भी मिले तो भी उससे प्राप्त होने वाले आनंद की अनुभूति सफलता प्राप्प्त होने के आनंद जैसी ही होती है ! अतः काम पूरे मनोयोग और प्रेम भाव से करें !!!