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Thursday, April 24, 2014

भोजन करने सम्बन्धी जरुरी नियम (rules for eating)
पांच अंगो ( दो हाथ , २ पैर , मुख ) को अच्छी तरह से धो कर
ही भोजन करे !
प्रातः और सायं ही भोजनका विधान है !किउंकि पाचन
क्रिया की जठराग्नि सूर्योदय से 2 ० घंटे बादतक एवं सूर्यास्त से 2 :
3 0 घंटे पहले तक प्रवल रहती है
शैय्या पर , हाथ पर रख कर , टूटे फूटे वर्तनो मेंभोजन
नहीं करना चाहिए !
मल मूत्र का वेग होने पर,कलह के माहौल में,अधिक शोर में,पीपल,वट
वृक्ष के नीचे,भोजन नहीं करना चाहिए !
परोसे हुए भोजन की कभी निंदा नहीं करनी चाहिए !
भोजन बनने वाला स्नान करके ही शुद्ध मन से, मंत्र जप करते हुए
ही रसोई में भोजन बनाये और सबसे पहले ३ रोटिया अलग निकाल कर
( गाय , कुत्ता , और कौवे हेतु ) फिर अग्नि देव का भोग लगा कर
ही घर वालो को खिलाये !
भय , क्रोध, लोभ,रोग , दीन भाव,द्वेष भाव,के साथ
किया हुआ भोजन कभी पचता नहीं है !
भोजन के समय मौन रहे !
भोजन को बहुत चबा चबा कर खाए !
रात्री में भरपेट न खाए [ भूख से थोडा कम ]
सबसे पहले रस दार , बीचमें गरिस्थ , अंत में द्राव्य पदार्थ ग्रहण करे!
थोडा खाने वाले को --आरोग्य , आयु , बल , सुख, सुन्दर संतान ,
और सौंदर्य प्राप्त होता है !
कुत्ते का छुवा , रजस्वला स्त्री का परोसा, श्राध
का निकाला , बासी , मुह से फूक मरकर ठंडा किया , बाल
गिरा हुवा भोजन , अनादर युक्त , अवहेलना पूर्ण परोसा गया भोजन
कभी न करे !
कंजूस का, राजा का,वेश्या के हाथ का,शराब बेचने वाले
का दिया भोजन कभी नहीं करना चाहिये ......
कड़ी पत्ता या मीठी नीम

अक्सर हम भोजन में से कढ़ी पत्ता निकाल कर अलग कर देते है . इससे हमें उसकी खुशबु तो मिलती है पर उसके गुणों का लाभ नहीं मिल पाता . कढ़ी पत्ते को धो कर छाया में सुखा कर उसका पावडर इस्तेमाल करने से बच्चे और बड़े भी भी इसे आसानी से खा लेते है .इस पावडर को हम छाछ और निम्बू पानी में भी मिला सकते है .इसे हम मसालों में , भेल में भी डाल सकते है .इसकी छाल भी औषधि है . हमें अपने घरों में इसका पौधा लगाना चाहिए |
- पाचन के लिए अच्छा ,डायरिया , डिसेंट्री,पाइल्स , मन्दाग्नि में लाभकारी . मृदु रेचक .
- बालों के लिए बहुत उत्तम टॉनिक -सफ़ेद होने से और झड़ने से रोकता है .
- इसके पत्तों का पेस्ट बालों में लगाने से जुओं से छुटकारा मिलता है .
- पेन्क्रीआज़ के बीटा सेल्स को एक्टिवेट कर मधुमेह को नियंत्रित करता है .
- हरे पत्ते होने से आयरन , जिंक ,कॉपर , केल्शियम ,विटामिन ए और बी , अमीनो एसिड ,फोलिक एसिड आदि तो इसमें होता ही है .
- इसमें एंटी ओक्सीडेंट होते है जो बुढापे को दूर रखते है और केंसर कोशिकाओं को बढ़ने नहीं देते .
- जले और कटे स्थान पर लगाने से लाभ होता है .
- जहरीले कीड़े काटने पर इसके फलों के रस को निम्बू के रस के साथ मिलाकर लगाने से लाभ होता है .
- किडनी के लिए लाभकारी
- आँखों की बीमारियों में लाभकारी .इसमें मौजूद एंटी ओक्सीडेंट केटरेक्ट को शुरू होने से रोकते है .यह नेत्र ज्योति को बढाता है .
- यह कोलेस्ट्रोल कम करता है .
- यह इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करता है .
- वजन कम करने के लिए रोजाना कुछ मीठी नीम की पत्तियाँ चबाये |
ब्लड प्रेशर कम( Low blood pressure)रहता हो तो निम्न उपचार हितकारी साबित हुए हैं---
किशमिश १० नग रात भर पानी में भिगोएँ । सुबह एक-एक किशमिश बहुत बारीक चबाकर खाएं। यह उपाय एक दो माह करें।
बादाम ७ नग रात भर पानी में भिगोएँ । छिलका निकालें।अच्छी तरह पीसकर २५० मिलि दूध के साथ उपयोग करें।
ब्लड प्रेशर ज्यादा गिरने पर चुटकी भर नमक पानी में घोलकर पीयें।
बोलना बंद करें। सो जाएं। बाईं करवट लेटें। नींद लेना लाभदायक होता है।
*मोटापा*
निकला हुआ पेट बिना मेहनत किए अंदर हो जाएगा, इन साधारण घरेलू नुस्खों से
कम उम्र में मोटापा आजकल एक ऐसी समस्या है, जिससे कई युवा ग्रस्त हैं। मोटापे के कारण कई तरह की बीमारियां शरीर को घेर सकती हैं। अधिकांश लोग शुरुआत में मोटापा बढऩे पर ध्यान नहीं देते हैं, लेकिन जब मोटापा बहुत अधिक बढ़ जाता है तो उसे घटाने के लिए घंटों पसीना बहाते रहते हैं। मोटापा घटाने के लिए खान-पान में सुधार जरूरी है। कुछ प्राकृतिक चीजें ऐसी हैं, जिनके सेवन से वजन नियंत्रित रहता है। इसीलिए यदि आप वजन कम करने के लिए बहुत मेहनत नहीं कर पाते हैं तो अपनाएं नीचे लिखे छोटे-छोटे उपाय। ये आपके बढ़ते वजन को कम देंगे।
- सब्जियों और फलों में कैलोरी कम होती है, इसलिए ये अधिक खाएं। केला और चीकू न खाएं। इनसे मोटापा बढ़ता है।
- चाय में पुदीना डालकर पीने से मोटापा कम होता है।
- खाने के साथ टमाटर और प्याज का सलाद काली मिर्च व नमक छिड़क कर खाएं। इससे आपको विटामिन सी, विटामिन ए, विटामिन के, आयरन, पोटैशियम, लाइकोपीन और ल्यूटिन एक साथ मिलेंगे।
रोज पपीता खाएं। लंबे समय तक पपीता के सेवन से कमर अतिरिक्त चर्बी कम होती है।
- दही का सेवन करने से शरीर की फालतू चर्बी घटती है।
- छोटी पीपल का बारीक चूर्ण कर उसे कपड़े से छान लें। इस चूर्ण को रोजाना तीन ग्राम मात्रा में सुबह के समय छाछ के साथ लें। इससे निकला हुआ पेट अंदर हो जाता है और कमर पतली हो जाती है।
- पत्तागोभी में चर्बी घटाने के गुण होते हैं। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म सही रहता है।
- एक चम्मच पुदीना रस और 2 चम्मच शहद मिलाकर लें। इससे मोटापा कम होता है।
- सुबह उठते ही 250 ग्राम टमाटर का रस 2-3 महीने तक पीने से वसा में कमी होती है।
सूखे आंवले व हल्दी को पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को छाछ के साथ लें, कमर एकदम पतली हो जाएगी।
- अगर मोटापा कम नहीं हो रहा है, तो खाने में कटी हुई हरी मिर्च या काली मिर्च को शामिल करके वजन को काबू में किया जा सकता है। एक रिसर्च में पाया गया कि वजन कम करने का सबसे बेहतरीन तरीका मिर्च खाना है। मिर्च में पाए जाने वाले तत्व कैप्साइसिन से जलन पैदा होती है, जो भूख कम करती है। इससे ऊर्जा की खपत भी बढ़ जाती है, जिससे वजन कंट्रोल में रहता है।
- दो बड़े चम्मच मूली के रस में शहद मिलाएं। इसमें बराबर मात्रा में पानी मिलाएं और पिएं। ऐसा करने से 1 माह के बाद मोटापा कम होने लगेगा।
मालती की जड़ को पीसकर उसे शहद में मिलाएं और उसे छाछ के साथ पिएं। प्रसव के बाद होने वाले मोटापे में यह रामबाण की तरह काम करता है।
- रोज सुबह-सुबह एक गिलास ठंडे पानी में दो चम्मच शहद मिला कर लीजिए। इस घोल को पीने से शरीर से वसा की मात्रा कम होती है।
- ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाली वस्तुओं से परहेज करें। शक्कर, आलू और चावल में अधिक कार्बोहाइड्रेट होता है। ये चर्बी बढ़ाते हैं।
- केवल गेहूं के आटे की रोटी की बजाय गेहूं, सोयाबीन और चने के मिश्रित आटे की रोटी ज्यादा फायदेमंद है।

Saturday, April 19, 2014

वही सुखी है .....
जिसे सोने के लिए नींद की गोलिया नहीं खानी पड़ती , और जागने के लिए 
अलार्म की जरुरत नहीं है वह सुखी है , जो फ़र्ज़ निभाता है लेकिन किसी का कर्ज़दार नहीं है वह सुखी है ,जो अपनी मेहनत और प्रभु पर भरोसा रखता है और हर परिस्थिति मैं प्रसन्न रहता है वह सुखी है !!!
कमर दर्द में लाभकारी घरेलू उपचार किसी भी आनुषंगिक दुष्प्रभाव से मुक्त हैं और असरदार भी है। देखते हैं कौन से हैं वे उपचार जो कमर दर्द राहत पहुंचाते हैं--
1) नीचे रखी कोई वस्तु उठाते वक्त पहिले अपने घुटने मोडें फ़िर उस वस्तु को उठाएं।
2) भोजन में पर्याप्त लहसुन का उपयोग करें। लहसुन कमर दर्द का अच्छा उपचार माना गया है।
3) गूगल कमर दर्द में अति उपयोगी घरेलू चिकित्सा है। आधा चम्मच गूगल गरम पानी के साथ सुबह-शाम सेवन करें।
4) चाय बनाने में 5 कालीमिर्च के दाने,5 लौंग पीसकर और थौडा सा सूखे अदरक का पावडर डालें। दिन मे दो बार पीते रहने से कमर दर्द में लाभ होता है।
5) सख्त बिछोने पर सोयें। औंधे मुंह पेट के बल सोना हानिकारक है।
मुंहासों के लिए घरेलू नुस्खे
******************
1. नीम : यह त्वचा में रोग प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है। इसके प्रयोग से मुंहासे में जादू जैसा लाभ होता है। चार-पांच नीम की पत्तियों को पीसकर मुलतानी मिट्टी में मिलाकर लगाएं, सूखने पर गरम पानी से धो लें
2. दही में कुछ बूंदें शहद की मिलाकर उसे चेहरे पर लेप करना चाहिए। इससे कुछ ही दिनों में मुहांसे दूर हो जाते हैं।
3. जामुन की गुठली को पानी में घिसकर चेहरे पर लगाने से मुहासे दूर होते हैं।
4. नीम के पेड़ की छाल को घिसकर मुहांसों पर लगाने से भी मुहांसे घटते हैं।
5. तुलसी व पुदीने की पत्तियों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें तथा थोड़ा-सा नींबू का रस मिलाकर चेहरे पर लगाने से भी मुहांसों से निजात मिलती है।
*आयुर्वेद के अनुसार खीरा स्वादिष्ट, शीतल, प्यास, दाहपित्त तथा रक्तपित्त दूर करने वाला रक्त विकार नाशक है।खीरा व ककड़ी एक ही प्रजाति के फल हैं। खीरे में विटामिन बी व सी, पोटेशियम, फास्फोरस, आयरन आदि विद्यमान होते हैं।
* पेट की गैस, एसिडिटी, छाती की जलन में नियमित रूप से खीरा खाना लाभप्रद होता है।
* जो लोग मोटापे से परेशान रहते हैं उन्हें सवेरे इसका सेवन करना चाहिये। इससे वे पूरे दिन अपने आपको फ्रेश महसूस करेंगे। खीरा हमरी रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।
* खीरे को भोजन में सलाद के रूप में अवश्य लेना चाहिये। नमक, काली मिर्च व नींबू डालकर खाने से भोजन आसानी से पचता है व भूख भी बढ़ती है।

Friday, April 18, 2014

जहां विचार नहीं, वहां मन नहीं!
सत्यको पाना है, तो मन को छोड़ दो। मन के न होते ही सत्य आविष्कृत हो जाता है, वैसे ही जैसे किसी ने द्वार खोल दिए हों और सूर्य का प्रकाश भीतर आ गया हो। सत्य के आगमन को मन दीवार की भांति रोके हुए है। मन की इस दीवार की ईट विचारों से बनी है। विचार, विचार और विचार- विचारों की यह श्रंखला ही मन है। रमण ने किसी से कहा था, 'विचारों को रोक दो और फिर मुझे बताओ कि मन कहां है?'
विचार जहां नहीं है, वहां मन नहीं है। ईट न हो, तो दीवार कैसे होगी?

तुलसी का रस......

बच्चों के दस्त रोग :
• 2 चम्मच तुलसी का रस और 2 चम्मच मिश्री मिलाकर दिन में 3-4 बार बच्चे को पिलाने से दस्त रोग ठीक होता है। यह दस्त में आंव व खून आना बंद करता है। 
• तुलसी के 5 पत्ते, नीम के 2 पत्ते और पुदीने के 5 पत्तों को लगभग 150 मिलीलीटर पानी में पकाएं। जब पानी केवन आधा कप बच जाए तो इसे छानकर दिन में 3 गर्म करके सेवन करें। इसके सेवन से दस्त रोग ठीक होता है। 
• यदि कोई छोटा बच्चा दस्त रोग से परेशान हो तो उसे तुलसी के पत्तों के रस में चीनी मिलाकर पिलाएं। इससे छोटे बच्चे को पतले दस्त आने बंद हो जाते हैं। 
• तुलसी और अदरक का रस मिलाकर पीने से दस्त का बार-बार आना ठीक होता है। 
• तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर 10 मिलीलीटर की मात्रा में सेवन करने से दस्त रोग के कारण उत्पन्न पेट की मरोड़ व कब्ज दूर होती है।
मस्तिष्क की गर्मी : 
• रोगी को प्रतिदिन तुलसी के 5 पत्ते और कालीमिर्च को पीसकर 1 गिलास पानी में मिलाकर सुबह पीना चाहिए। इससे मस्तिष्क की गर्मी दूर होती है।
मिर्गी :
• तुलसी के पत्ते को पीसकर मिर्गी से पीड़ित रोगी के पूरे शरीर पर मालिश करें। इसके उपयोग से मिर्गी के दौरे शांत होते हैं।
मुर्च्छा (बेहोशी) : 
• तुलसी के पत्तों का रस निकालकर उस रस में नमक मिलाकर नाक में डालने से बेहोशी दूर होती है। 
• तुलसी के पत्तों का रस निकालकर धीरे-धीरे माथे पर मलने से और 2 बूंद नाक में डालने से बेहोशी दूर होती है।
मलेरिया का बुखार : 
• प्रतिदिन तुलसी के पत्ते सेवन करने से मलेरिया का बुखार ठीक होता है। मलेरिया के बुखार से पीड़ित रोगी का जब बुखार उतर जाए तो उसे सुबह के समय तुलसी के 15 पत्ते और 10 कालीमिर्च खिलाना चाहिए। इससे मलेरिया का बुखार दुबारा नहीं होता। 
• 20 तुलसी के पत्ते, 10 कालीमिर्च और एक चम्मच चीनी मिलाकर काढ़ा बनाकर मलेरिया बुखार से पीड़ित रोगी को सेवन कराएं।
ककड़ी के फ़ायदे
कच्ची ककड़ी में आयोडीन पाया जाता है। ककड़ी बेल पर लगने वाला फल है। गर्मी में पैदा होने वाली ककड़ी स्वास्थ्यवर्ध्दक तथा वर्षा व शरद ऋतु की ककड़ी रोगकारक मानी जाती है। ककड़ी स्वाद में मधुर, मूत्रकारक, वातकारक, स्वादिष्ट तथा पित्त का शमन करने वाली होती है।
उल्टी, जलन, थकान, प्यास, रक्तविकार, मधुमेह में ककड़ी फ़ायदेमंद हैं। ककड़ी के अत्यधिक सेवन से अजीर्ण होने की शंका रहती है, परन्तु भोजन के साथ ककड़ी का सेवन करने से अजीर्ण का शमन होता है।
ककड़ी की ही प्रजाति खीरा व कचरी है। ककड़ी में खीरे की अपेक्षा जल की मात्रा ज़्यादा पायी जाती है। ककड़ी के बीजों का भी चिकित्सा में प्रयोग किया जाता है।
ककड़ी का रस निकालकर मुंह, हाथ व पैर पर लेप करने से वे फटते नहीं हैं तथा मुख सौंदर्य की वृध्दि होती है।
बेहोशी में ककड़ी काटकर सुंघाने से बेहोशी दूर होती है।
ककड़ी के बीजों को ठंडाई में पीसकर पीने से ग्रीष्म ऋतु में गर्मीजन्य विकारों से छुटकारा प्राप्त होता है।
ककड़ी के बीज पानी के साथ पीसकर चेहरे पर लेप करने से चेहरे की त्वचा स्वस्थ व चमकदार होती है।
ककड़ी के रस में शक्कर या मिश्री मिलाकर सेवन करने से पेशाब की रुकावट दूर होती है।
ककड़ी की मींगी मिश्री के साथ घोंटकर पिलाने से पथरी रोग में लाभ पहुंचता है।

Thursday, April 17, 2014

ह्रदय के लिए....

ह्रदय के लिए......
अलसी के पत्ते और सूखे धनिए का क्वाथ बनाकर पीने से ह्रदय की दुर्बलता मिट जाती है।
गाजर के रस को शहद में मिलाकर पीने से निम्न ब्लड प्रेशर की समस्या नहीं होती है और दिल मजबूत होता है।
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से निजात पाने के लिए सिर्फ गाजर का रस पीना चाहिए। इससे रक्तचाप संतुलित हो जाता है। 
सर्पगंधा को कूटकर रख लीजिए। इस पाउडर को सुबह-शाम 2-2 ग्राम खाने से बढ़ा हुआ रक्तचाप सामान्य हो जाता है।
प्रतिदिन लहसुन की कच्ची कली छीलकर खाने से कुछ दिनों में ही रक्तचाप सामान्य हो जाता है और दिल मजबूत होता है।
अनार के रस को मिश्री में मिलाकर हर रोज सुबह-शाम पीने से दिल मजबूत होता है।
खाने में अलसी का प्रयोग करने से दिल मजबूत होता है। अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड भरपूर मात्रा में होता है जो दिल को बीमारियों से बचाता है।
सेब का जूस और आंवले का मुरब्बा खाने से दिल मजबूत होता है और दिल अच्छे से काम करता है।
बादाम खाने से दिल स्वास्थ रहता है। बादाम में विटामिन और फाइबर होता है!
मासिक धर्म के समय होने वाले तेज दर्द में आराम के लिए......
इनका न तो कोई साइड एफेक्ट है और न ही ये अधिक खर्चीली हैं।
अजवाइन
अक्सर पीरियड्स के दौरान महिलाओं में गैस्ट्रिक की समस्या बढ़ जाती है जिसकी वजह से भी पेट में तेज दर्द होता है। अजवाइन का सेवन इससे निपटने में बेहद कारगर है। आधा चम्मच अज्वाइन और आधा चम्मच नमक को मिलाकर गुनगुने पानी के साथ पीने से दर्द से तुरंत राहत मिल सकती है। इसके अलावा, पीरियड्स के दिनों में अज्वाइन को चुकंदर, गाजर और खीरे के साथ जूस बनाकर पीने से भी दर्द नहीं होता।
अदरक
पीरियड्स में दर्द के दौरान अदरक का सेवन भी तुरंत राहत पहुंचाता है। एक कप पानी में अदरक के टुकड़े को बारीक काटकर उबाल लें। चाहें तो इसमें स्वादानुसार शक्कर भी मिलाएं। दिन में तीन बार भोजन के बाद इसका सेवन करें।
न करना वक्त से तुम बद तमीजी,
कि वो अक्सर पलटकर बोलता है....!!

खूबसूरत.....

खूबसूरत है वो लब जिन पर,
दूसरों के लिए कोई दुआ आ जाए !!
खूबसूरत है वो दिल जो,
किसी के दुख मे शामिल हो जाए !!
खूबसूरत है वो जज़बात जो,
दूसरो की भावनाओं को समझ जाए !!

Tuesday, April 15, 2014

क्रोध.....
मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन क्रोध है, जिसका जन्म अहंकार से होता है। क्रोध में की गई गलती का अंत पश्चाताप पर होता है। जब तक व्यक्ति के मन में शांति है, प्रसन्नता है, क्रोध उस पर हावी नहीं होगा। मुस्कराहट के जाते ही क्रोध उस पर हावी हो जाता है। इसीलिए महापुरुष कहते हैं कि क्रोध की पहली चिंगारी जब आपके अंदर उठे और आपको मर्यादा से बाहर ले जाने का प्रयास करे तब उससे पहले ही उस पर नियंत्रण पाने की कोशिश की जानी चाहिए, अन्यथा क्रोध जब पूरी फौज लेकर आएगा तो उसे रोकना बहुत मुश्किल होगा। वस्तुत: क्रोध एक विकृत मनोवेग है।

Sunday, April 13, 2014

शहतूत की औषधीय उपयोगिता .....

शहतूत की औषधीय उपयोगिता .....
गर्मियाँ शुरू हो चुकी है और जंगलों में अनेक प्रकार के फल बहार पर है. शहतूत भी ऐसा ही जंगली फल है जो न केवल जंगलों में बल्कि सडकों और राजमार्गों के किनारे भी पाया जाता है और जिसके फल गर्मियों में प्रचुरता से उपलब्ध होते है. आदिवासियों के अनुसार शहतूत का रस पीने से आँखों की ज्योति बढ़ती है और इनका शर्बत भी बनाया जाता है. पातालकोट, मध्यप्रदेश के आदिवासी शहतूत के रस में चीनी मिलकर पीने की सलाह देते है उनका मानना की ऐसा करने से लू से बचाव होता है. शहतूत का रस हृदय रोगियों के लिए काफी लाभदायक होता साथ ही जिन लोगो को ज्यादा प्यास लगने की शिकायत हो उनके लिए भी शहतूत का रस फायदेमंद होता है. शहतूत और नीम की छाल को बराबर मात्र में पीसकर मुंहासों पर लगाने से आदिवासी मानते है इससे मुहांसे ठीक हो जाते है. शहतूत में विटामिन ए, कैल्शियम, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे तत्व पाए जाते है. शहतूत के सेवन से बच्चों को न केवल पर्याप्त पोषण प्राप्त होता है बल्कि यह बच्चों के पेट के कृमियों का भी नाश करता है. ऐसा माना जाता है की शहतूत का सेवन रक्तविकारों को नष्ट कर रक्त का शोधन करता है. गुजरात के डांग आदिवासी मानते है कि अगर शरीर के किसी भाग में सूजन हो तो उस पर शहतूत का रस और शहद मिलाकर लगाने से सूजन में राहत मिलती है. जिन्हें पैर के तलुओं में जलन की शिकायत रहती है उन्हें शहतूत का रस पीना चाहिए.

Friday, April 11, 2014

प्रत्येक लाइन गहराई से पढ़े-
✅ गरीब दूर तक चलता है..... खाना खाने के
लिए......।
✅ अमीर मीलों चलता है..... खाना पचाने के
लिए......।
✅ किसी के पास खाने के लिए..... एक वक्त
की रोटी नहीं है.....
✅ किसी के पास खाने के लिए..... वक्त
नहीं है.....।
✅ कोई लाचार है.... इसलिए बीमार है....।
✅ कोई बीमार है.... इसलिए लाचार है....।
✅ कोई अपनों के लिए.... रोटी छोड़ देता है...।
✅ कोई रोटी के लिए..... अपनों को छोड़ देते
है....।
✅ ये दुनिया भी कितनी निराळी है। कभी वक्त
मिले तो सोचना....
✅ कभी छोटी सी चोट लगने पर रोते थे.... आज
दिल टूट जाने पर भी संभल जाते है।
✅ पहले हम दोस्तों के साथ रहते थे... आज
दोस्तों की यादों में रहते है...।
✅ पहले लड़ना मनाना रोज का काम था.... आज
एक बार लड़ते है, तो रिश्ते खो जाते है।
✅ सच में जिन्दगी ने बहुत कुछ सीखा दिया,
जाने कब हमकों इतना बड़ा बना दिया।
जिंदगी बहुत कम है, प्यार से जियो मित्रो।
गर्मी में खाना....
ग्रीष्म ऋतू में भोजन सादा , नियमित और उचित मात्र में रखना अत्यंत आवश्यक होता है, साथ ही साथ कुछ चीजे जैसे हरी सब्जिया , फल , पानी वाली ककड़ी , तरबूज , संतरा , पपीता आदि जैसे फलो का प्रयोग भी खाने में बड़ा देना चाहिए , इससे शरीर को ताकत और तररावट दोनों मिलती है !!! इसके साथ ही श्री खंड , शिकंजी , मीठा दही , मिठाइयों के रूप या उनकी जगह सेवन करना चाहिए ! एक देसी मिठाई सत्तू [ जौ] का प्रयोग तरावट और ताकत के लिया दोपहर के समय किया जा सकता है !!!
त्रिफला चूर्ण ..... 
रात को सोते समय एक चम्मच त्रिफला चूर्ण ले लो पानी के साथ पेट साफ हो जायेगा |पेट जुडी दो तिन ख़राब बिमारिय है जैसे बवासीर, पाईल्स, हेमोरोइड्स, फिसचुला, फिसर .. ये सब बिमारिओ में अच्छी दवा है मुली का रस | एक कप मुली का रस पियो खाना खाने के बाद दोपहर को या सबेरे पर शाम को मत पीना तो हर तरेह का बवासीर ठीक हो जाता है , भगंदर ठीक होता है फिसचुला, फिसर ठीक होता है .. अनार का रस पियो तो भी ठीक हो जाता है |
_________कबीर-वाणी_________
'
नहाये धोये क्या हुआ, जो मन मैल न जाय। 
मीन सदा जल में रहे, धोये बास न जाय।।

ज्ञान...

ज्ञान का उद्देश्य केवल धन कहाँ से व कैसे आए ही नहीं है अपितु धन को कहाँ और कैसे खर्च करना भी है। ज्ञान संपत्ति का अर्जन ही नहीं सिखाता अपितु आवश्यकता पड़ने पर उसका विसर्जन भी सिखाता है।

Thursday, April 10, 2014

गर्मी से बचाव....

गर्मी ....
गर्मी शुरू हो गई है धीरे धीरे इसका प्रकोप बढ़ता जायेगा आने वाले दो महीनो मैं खूब पानी पिए , दिन मैं चार छः गिलास छांछ पिए , नीम्बू का शर्बत दो गिलास तक पिए ! जिन इलाको मैं बहुत ज्यादा गर्मी पढ़ती है वहा पर नीम्बू की शिकंजी , कैरी का पाना , प्याज का रस ,ठण्डाई , आदि का प्रयोग किया जा सकता है !! इसके साथ अत्यधिक गर्मी वाले स्थानों पर प्रवाल युक्त गुलकंद एक चम्मच सुबह या शाम को या चोप [ कबाब ] चीनी का पाउडर एक एक चम्मच सुबह शाम पानी से लिया जा सकता है !! इससे तरावट बनी रहेगी और गर्मी के प्रभाव को कम किया जा सकेगा !!!

Wednesday, April 9, 2014

जब परिस्‍थिती बदलने से मनोस्‍थिती बदल सकती है,
तो मनोस्‍थिती बदलने से परिस्‍थिती क्‍योँ नहीँ बदल सकती ।

चालीस के बाद कैसे दिखें युवा....

चालीस के बाद कैसे दिखें युवा
अच्छा स्वास्थ्य हमारे अच्छे आहार विहार का दर्पण होता है। हमारे गलत पथापथ्य के कारण ही शरीर बेडौल हो जाता है, तोंद बढ़ जाती है, गला पफ्फी हो जाता है, सिर के बाल कम हो जाते हैं, चमड़ी पर झुर्रियां पड़ जाती हैं। इसी को तो वृध्दावस्था कहते हैं। जिन्दगी की सक्रियता आपके व्यक्तित्व को निखारती है। कुछ सावधानी व जागरूकता हमारे स्वास्थ्य की रक्षा कर सकते हैं।
*** प्रात: अच्छी उठ कर भ्रमण करें।
*** पेट साफ करें।
*** पैदल चलें।
*** तनाव से दूर रहने का प्रयास करें। आशावादी रहें।
*** थोड़ा खाएं, अच्छा खाएं, अधिक जिएं।
*** पानी ज्यादा पिएं।
*** लस्सी मट्ठा, जूस, सूप ज्यादा पिएं।
*** वसायुक्त आहार, तले परांठे कम खाएं।
*** नशा नाश करता है। कोई भी नशा मत करे।
*** मन में जीवन जीने का उत्साह, परिवार का हंसमुख वातावरण, चुस्त जीवन शैली, संकल्प में महाशक्ति होती है। अच्छे विचार जीवन जीने की आरजू दीर्घजीवी बनाती है।

विद्या धन...

विद्या धन........
विद्या एक ऐसा धन है जिसे कोई छीन नहीं सकता , न चुरा सकता है , और न नष्ट कर सकता है ! ये खर्च करने से बढ़ता है , ये माता के सामान पोषण और पिता के सामान संरक्षण करता है !!! दुःख विपत्ति मैं पत्नी के समान धैर्य और उत्साह प्रदान करता है विदेश मैं मित्र की तरह साथ देता है और जीवन पर्यंत साथ निभाता है !!!

दही के प्रयोग मैं सावधानियां.....

दही के प्रयोग मैं सावधानियां.....
1. सायंकालीन भोजन व रात्रि में दही का सेवन नहीं करें।
2. विद्यार्थियों को परीक्षा के दिनों में दही का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। जिन छात्रों को दोपहर व सायंकाल परीक्षा का समय हो तो विशेष सावधानी रखना चाहिए। दही आलस्य लाता है।
3. खट्टा दही सेवन न करें। ताजे दही का प्रयोग करें।
4. सर्दी, खांसी, अस्थमा के रोगियों को भी दही से परहेज करना चाहिए।
5. त्वचा रोगों में दही का सेवन सावधानी पूर्वक चिकित्सक के निर्देशन में करना चाहिए।
6. मात्रा से अधिक दही के सेवन से बचना चाहिए।
7. अर्श (पाईल्स ) के रोगियों को भी दही का सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए।तो ऐसी है दही ,बड़ी गुणकारी,रोगों में दवा पर सावधानी से करें प्रयोग।

कब्ज का इलाज़....

कब्ज....
• दो सेवफ़ल प्रतिदिन खाने से कब्ज में लाभ होता है।
• अमरूद और पपीता ये दोनो फ़ल कब्ज रोगी के लिये अमॄत समान है। ये फ़ल दिन मे किसी भी समय खाये जा सकते हैं। इन फ़लों में पर्याप्त रेशा होता है और आंतों को शक्ति देते हैं। मल आसानी से विसर्जित होता है।
• अंगूर मे कब्ज निवारण के गुण हैं । सूखे अंगूर याने किश्मिश पानी में ३ घन्टे गलाकर खाने से आंतों को ताकत मिलती है और दस्त आसानी से आती है। जब तक बाजार मे अंगूर मिलें नियमित रूप से उपयोग करते रहें।
• अंजीर कब्ज हरण फ़ल है। ३-४ अंजीर फ़ल रात भर पानी में गलावें। सुबह खाएं। आंतों को गतिमान कर कब्ज का निवारण होता है।
• मुनका में कब्ज नष्ट करने के गुण हैं। ७ नग मुनक्का रोजाना रात को सोते वक्त लेने से कब्ज रोग का स्थाई समाधान हो जाता है।

Tuesday, April 8, 2014

गोरी त्वचा पाने के घरेलू उपाय........

गोरी त्वचा पाने के घरेलू उपाय........

1- आंवले का मुरब्बा रोज खाने से दो-तीन महीने में ही रंग निखरने लगता है।
2- अधिक से अधिक पानी पीएं।
3- चाय कॉफी का सेवन कम करें।
4- रोजाना सुबह शाम खाना खाने के बाद थोड़ी मात्रा में सोंफ खाने से खून साफ होने लगता है और त्वचा की रंगत बदलने लगती है।
5- बादाम भी रंगत निखारने का काम करता है। रात को 10 बादाम पानी में भिगोकर रख दें। सुबह उसे छील कर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट में थोड़ा सा शहद मिलाएं और इस पेस्ट को अपनी त्वचा पर लगाकर स्क्रब करें।

कब्ज...

कब्ज.....
• कब्ज होने पर अधिक मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जाती है, गर्म पानी पीने से फ़ायदा होता हैं। पानी की कमी से आंतों में मल सूख जाता है। और मल निष्कासन में जोर लगाना पडता है। इसलिये कब्ज से परेशान रोगियों के लिये सर्वोत्तम सलाह तो यह है कि मौसम के मुताबिक २४ घंटे में ३ से ५ लिटर पानी पीने की आदत डालना चाहिये। सुबह उठते ही सवा लिटर पानी पीयें। फ़िर ३-४ किलोमिटर तेज चाल से भ्रमण करें। शुरू में कुछ अनिच्छा और असुविधा महसूस होगी लेकिन धीरे-धीरे आदत पड जाने पर कब्ज जड से मिट जाएगी।

खांसी...

खांसी....
1 से 2ग्राम मुलहठी एवं तुलसी का 5 से 10 मिलीलीटर रस मिलाकर शहद के साथ चाटने से अथवा 4-5 लौंग को भूनकर तुलसी के पत्तों के साथ लेने से सभी प्रकार की खाँसी में लाभ होता है।
दो ग्राम काली मिर्च एवं डेढ़ ग्राम मिश्री का चूर्ण अथवा शितोपलादि चूर्ण एक-एक ग्राम दिन में तीन चार बार शहद के साथ चाटने से खाँसी में लाभ होता है।

VALUE......

दूध को गर्म कर के जमाने से दही बनता है,
दही को निरंतर मथने से मक्खन निकलता है,
और....मक्खन को काफी देर तपाने से घी बनता है...
दूध, दही, मक्खन और घी सभी सफेद होते हैं...
परन्तु...दूध से दही, दही से मक्खन और मक्खन
की तुलना में घी अधिक महंगा होता है...
बार-बार कष्ट पड़ने पर भी जो लोग रंग
नहीं बदलते...उनकी समाज में VALUE बढती है...
किसी भी प्रकार के कष्ट में सदैव प्रभु का स्मरण करें !!!

सफलता.....

सफलता मिलती है तो अहम् का भाव आ जाता है कि यह मेरे कारण सम्भव हुआ है. पर जब असफलता का सामना होता है तो कहा जाता है कि बुरे कर्मों का समय है. क्या सफलता मिलते समय अच्छे कर्मों का समय नहीं था?

तमन्ना...

जिन्हें ईश्वर और जीवन में कुछ पाने की तमन्ना होती है, वे वाद-विवाद में नहीं पड़ते। पर जिनकी प्यास सच्ची नहीं होती, वे ही वाद-विवाद में पड़े रहते हैं। वे साधना के पथ पर आगे नहीं बढ़ते !!!

Sunday, April 6, 2014

हृदय की धड़कन: 
• 50 ग्राम किशमिश को पानी में मसलकर व उबालकर सेवन करने से हृदय की धड़कपन सामान्य होती है। इससे हृदय को शक्ति मिलती है।
"मूर्ख मनुष्य क्रोध को जोर-शोर से प्रकट करता है, किंतु बुद्धिमान व्यक्ति शांति से उसे वश में कर लेता है

पथरी ----

पथरी ----
पथरी होने पर पेशाब करने में बहुत दिक्कत होती है और कई बार पेशाब रूक जाता है। पथरी होने की कोई उम्र नहीं होती है, यह किसी भी उम्र में हो जाती है। आइए हम आपको पथरी के घरेलू नुस्खे के बारे में जानकारी देते हैं। कई बार य‍ह बीमारी अनुवांशिक भी हो सकती है।
पथरी के लिए घरेलू उपचार
नारियल का पानी पीने से पथरी में फायदा होता है। पथरी होने पर नारियल का पानी पीना चाहिए। 
15 दाने बडी इलायची के एक चम्मच, खरबूजे के बीज की गिरी और दो चम्मच मिश्री, एक कप पानी में मिलाकर सुबह-शाम दो बार पीने से पथरी निकल जाती है।

रोग को जड से मिटाए....

रोग को जड से मिटाए....
जिस प्रकार कटा हुआ वृक्ष समय पा कर फिर से हरा हो जाता है ,उसी प्रकार रोग को यदि समूल नष्ट नहीं किया जाए तो वो फिर से बड सकता है !!जैसे अनुकूल ऋतू और जल मिलने पर जड़ से पुनः शाख और पत्ते प्रकट हो जाते है उसी प्रकार यदि रोग को दबा दिया जाए और उसे कारन सहित समूल नष्ट नहीं किया जाए तो अपने अनुकूल गलत आहार विहार से- दूषित आहार से -अपथ्यों के सेवन से वो फिर से पनप जाता है !!
" जितनी भीड़ ,
बढ़ रही ज़माने में ।
लोग उतनें ही,
अकेले होते जा रहे हे।।।..🎭

अच्छा इंसान...

अच्छा इंसान वही बन सकता है
जो इन निम्न 9 बातों को भी अपने जीवन में उताने की कोशिश करे...
1. अपनी भूल-चूक स्वीकारें ।
2. दूसरों के सामने अपना दुखड़ा न रोते रहें ।
3. नम्रता एवं कृतज्ञता से व्यवहार करें ।
4. प्रशंसा और मान-सम्मान की अपेक्षा न करें ।
5. अपनी तुलना श्रेष्ठ लोगों से करें ।
6. अपनी श्रेष्ठता जताने के लिए अनुभूति न बताएं ।
7. ‘मैं’, ‘मेरा’ कहने से बचें ।
8. परिजनों के साथ स्वेच्छा से नहीं,परेच्छा से व्यवहार करें ।
9. दूसरों को सिखाने की जगह दूसरों से सीखने का प्रयास करें 

एक क्षण......

करोडों स्वर्ण मुद्राओं के द्वारा आयु का एक क्षण भी नहीं पाया जा सकता। वह ( क्षण ) जिसके द्वारा व्यर्थ नष्ट किया जाता है, ऐसे नर-पशु को नमस्कार।

Saturday, April 5, 2014

प्रभु स्मरण....

जितना समय भगवान-के-नाम के साथमें बीते,सिर्फ वही समय "मुल्यवान" है,क्योंकि इस संसार में भजन सिर्फ मनुष्य ही कर सकता है,(पशु-पक्षी नहीं) और गया हुआ समय वापस आ ही नहीं सकता है !!!

Friday, April 4, 2014

गाय का घी....

गाय का घी....
गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है। 
गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है 
गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है। 
अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें। 
हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर गाय के घी की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा।

सौंफ ....

- भूनी हुई सौंफ और मिश्री समान मात्रा में पीसकर हर दो घंटे बाद ठंडे पानी के साथ फँकी लेने से मरोड़दार दस्त, आँव और पेचिश में लाभ होता है। यह कब्ज को दूर करती है। के स्वास्थ्य लाभ होते हैं।
- बादाम, सौंफ और मिश्री तीनों बराबर भागों में लेकर पीसकर भर दें और रोज दोनों टाइम भोजन के बाद 1 टी स्पून लें। इससे स्मरणशक्ति बढ़ती है।
- दो कप पानी में उबली हुई एक चम्मच सौंफ को दो या तीन बार लेने से कफ की समस्या समाप्त होती है। अस्थमा और खांसी में सौंफ सहायक है। कफ और खांसी के इलाज के लिए सौंफ खाना फायदेमंद है।
- गुड़ के साथ सौंफ खाने से मासिक धर्म नियमित होता है।

सौंफ के प्रयोग....

सौंफ के  प्रयोग.... 
सौंफ त्रिदोषनाशक है. इस की तासीर ठंडी है , पर यह जठराग्नि को मंद नहीं करती.
- आंखों की रोशनी सौंफ का सेवन करके बढ़ाया जा सकता है। सौंफ और मिश्री समान भाग लेकर पीस लें। इसकी एक चम्मच मात्रा सुबह-शाम पानी के साथ दो माह तक लीजिए। इससे आंखों की रोशनी बढती है।
- सौंफ खाने से पेट और कब्ज की शिकायत नहीं होती। सौंफ को मिश्री या चीनी के साथ पीसकर चूर्ण बना लीजिए, रात को सोते वक्त लगभग 5 ग्राम चूर्ण को हल्केस गुनगने पानी के साथ सेवन कीजिए। पेट की समस्या नहीं होगी व गैस व कब्ज दूर होगा।
केले के फायदे
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केले में पोटैशियम पाया जाता है, जो कि ब्लड प्रेशर के मरीज के लिए बहुत फायदेमंद है।
केले का शेक पेट को ठंडक पहुंचाता है। केले में काफी मात्रा में फाइबर पाया जाता है।
केला पाचन क्रिया को सुचारु करता है। अल्सर के मरीजों के लिए केले का सेवन फायदेमंद होता है।
केले में आयरन भरपूर मात्रा में होता है, जिसके कारण खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ती है।
तनाव कम करने में भी मददगार है केला।
केले में ट्राइप्टोफान नामक एमिनो एसिड होता है जिससे मूड को रिलैक्स होता है।
दिल के लिए –
दिल के मरीजों के लिए केला बहुत फायदेमंद होता है। हर रोज दो केले को शहद में डालकर खाने से दिल
मजबूत होता है और दिल की बीमारियां नहीं होती हैं।
दही.......

1. सायंकालीन भोजन व रात्रि में दही का सेवन नहीं करें। 

2. विद्यार्थियों को परीक्षा के दिनों में दही का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए। जिन छात्रों को दोपहर व सायंकाल परीक्षा का समय हो तो विशेष सावधानी रखना चाहिए। दही आलस्य लाता है। 

3. खट्टा दही सेवन न करें। ताजे दही का प्रयोग करें। 

4. सर्दी, खांसी, अस्थमा के रोगियों को भी दही से परहेज करना चाहिए। 

5. त्वचा रोगों में दही का सेवन सावधानी पूर्वक चिकित्सक के निर्देशन में करना चाहिए।

6. मात्रा से अधिक दही के सेवन से बचना चाहिए।

7. अर्श (पाईल्स ) के रोगियों को भी दही का सेवन सावधानीपूर्वक करना चाहिए।तो ऐसी है दही ,बड़ी गुणकारी,रोगों में दवा पर सावधानी से करें प्रयोग।

8. दही सदैव ताजी एवं शुद्ध घर में मिटटी के बर्तन की बनी हो तो अत्यंत गुणकारी होती है।

तरबूज.....

तरबूज गर्मियों के मौसम में होने वाला फल है।
तरबूज का फल आकार में गोलाकार होता है। यह
काफी भारी होता है। तरबूज में बीज पाए जाते हैं।
इसे खाते समय इसके बीजों को निकाल देना चाहिए।
गर्मियों के मौसम में इसके सेवन करने से प्यास
शांत होती है। शरीर में गर्मी के प्रभाव को दूर
करने के लिए इसका सेवन करना अधिक लाभदायक
होता है। इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर
में शिथिलता आ जाती है इस कारण कुछ लोग इसे
अक्ल यानि बुद्धि को नष्ट करने वाला मानते हैं।
भोजन करने के एक घंटे बाद इसका सेवन
करना लाभकारी होता है।
रंग : इसके बीज लाल, काले व भूरे रंग के होते हैं।
प्रकृति : तरबूज की प्रकृति गर्म होती है। तरबूज के
बीज ठंडे और पौष्टिक होते हैं।
गुण : यह वीर्य को बढ़ाने वाला होता है।
हानिकारक : तरबूज का अधिक मात्रा में सेवन
करना हानिकारक होता है क्योंकि इसका अधिक
मात्रा में सेवन करने से मस्तिष्क में शिथिलता आ
जाती है।

Thursday, April 3, 2014

सरदर्द....

सिरदर्द के लिए - नारियल तेल में बादाम को मिलाकर तथा बारीक पीसकर सिर पर लेप लगाना चाहिए। इससे सिरदर्द में तुरंत आराम होता है।

कर्म...

कर्म भले ही सदैव सुख नहीं ला सके, परंतु कर्म किए बिना सुख नहीं मिलता।

सही.....

सही सोचिए, सही देखिए, सही बोलिए और सही कीजिए।

झुकना [नम्रता]....

कुए में उतरने वाली बाल्टी यदि झुकती है ,तो भरकर बाहर आती है ,
जीवन का भी यही गणित है, जो झुकता है वह प्राप्त करता है !

सकारात्मक सोच...[दृष्टि ]

जिस बड़े-बड़े से लक्ष्य को पाने का हम सोच सकते है, वो सब संभव है इस दुनिया में, बस साकारात्मक सोच से आप अपने अन्दर उर्जा के अभाव को भर कर उस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है !

Wednesday, April 2, 2014

.... पुदीना.....

- हरा पुदीना पीसकर उसमें नींबू के रस की दो-तीन बूँद डालकर चेहरे पर लेप करें। कुछ देर लगा रहने दें। बाद में चेहरा ठंडे पानी से धो डालें।

- कुछ दिनों के प्रयोग से मुँहासे दूर हो जाएँगे तथा चेहरा निखर जाएगा।

गाय का घी.....

रोजाना कम से कम २ चम्मच गाय का घी तो खाना ही चाहिए .
- यह वात और पित्त दोषों को शांत करता है !!!

Tuesday, April 1, 2014

हाथ-पाँव में जलन की शिकायत होने पर सौंफ के साथ बराबर मात्रा में धनिया कूट-छानकर मिश्री मिलाकर खाना खाने के पश्चात 5-6 ग्राम मात्रा में लेने से कुछ ही दिनों में आराम हो जाता है ।
दया के बगैर देव और गुरुपूजा, तप, सर्व इंद्रियदमन, दान और शास्त्राध्ययन आदि सब क्रिया वैसे ही हैं जैसी कि बगैर सेनापति की सारी सेना।

समय.....

समय...
समय को नष्ट मत करिए , नहीं तो वो आपको नष्ट कर देगा !!
समय को व्यर्थ गवाना दरअसल जीवन को व्यर्थ गवाना है !!!
सब कुछ पाया जा सकता है जो समय चला गया उसे छोड़कर !!! 
जीवन के प्रत्येक क्षण का सद उपयोग कीजिये !!!
जो सब चिन्ताओं से मुक्त कर सकता है
सुख - शान्ति का अनुभव तभी होगा जब मन से चिन्तायें निकल जायेंगी। यदि चिन्ताओं को समाप्त करना चाहते हो तो संसार के स्वरूप को समझ लो। संसार को जब जान लोगे तब संसार की वासनायें समाप्त हो जायेंगी। इसका स्वरूप ही ऐसा है कि एक बार ठीक से समझ लेने पर फिर इसमें भीतर से प्रेम नहीं रह सकता।
ख्वाब, ख्याल, ख्याति, ख्वाहिश, ख़ामोशी, खुदगर्जी 
यकीं, हकीकत, इम्तहान, गम, अरमान और तन्हाइयां……! 
जरा सी तो उम्र है मेरी 
किस-किस के साथ गुजारु..........!!