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Tuesday, April 15, 2014

क्रोध.....
मनुष्य का सबसे बड़ा दुश्मन क्रोध है, जिसका जन्म अहंकार से होता है। क्रोध में की गई गलती का अंत पश्चाताप पर होता है। जब तक व्यक्ति के मन में शांति है, प्रसन्नता है, क्रोध उस पर हावी नहीं होगा। मुस्कराहट के जाते ही क्रोध उस पर हावी हो जाता है। इसीलिए महापुरुष कहते हैं कि क्रोध की पहली चिंगारी जब आपके अंदर उठे और आपको मर्यादा से बाहर ले जाने का प्रयास करे तब उससे पहले ही उस पर नियंत्रण पाने की कोशिश की जानी चाहिए, अन्यथा क्रोध जब पूरी फौज लेकर आएगा तो उसे रोकना बहुत मुश्किल होगा। वस्तुत: क्रोध एक विकृत मनोवेग है।

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