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निरोगधाम पत्रिका
पारिवारिक स्वास्थ्य पत्रिका
Sunday, April 6, 2014
एक क्षण......
करोडों स्वर्ण मुद्राओं के द्वारा आयु का एक क्षण भी नहीं पाया जा सकता। वह ( क्षण ) जिसके द्वारा व्यर्थ नष्ट किया जाता है, ऐसे नर-पशु को नमस्कार।
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