जो सब चिन्ताओं से मुक्त कर सकता है
सुख - शान्ति का अनुभव तभी होगा जब मन से चिन्तायें निकल जायेंगी। यदि चिन्ताओं को समाप्त करना चाहते हो तो संसार के स्वरूप को समझ लो। संसार को जब जान लोगे तब संसार की वासनायें समाप्त हो जायेंगी। इसका स्वरूप ही ऐसा है कि एक बार ठीक से समझ लेने पर फिर इसमें भीतर से प्रेम नहीं रह सकता।
सुख - शान्ति का अनुभव तभी होगा जब मन से चिन्तायें निकल जायेंगी। यदि चिन्ताओं को समाप्त करना चाहते हो तो संसार के स्वरूप को समझ लो। संसार को जब जान लोगे तब संसार की वासनायें समाप्त हो जायेंगी। इसका स्वरूप ही ऐसा है कि एक बार ठीक से समझ लेने पर फिर इसमें भीतर से प्रेम नहीं रह सकता।
No comments:
Post a Comment