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Friday, April 18, 2014

तुलसी का रस......

बच्चों के दस्त रोग :
• 2 चम्मच तुलसी का रस और 2 चम्मच मिश्री मिलाकर दिन में 3-4 बार बच्चे को पिलाने से दस्त रोग ठीक होता है। यह दस्त में आंव व खून आना बंद करता है। 
• तुलसी के 5 पत्ते, नीम के 2 पत्ते और पुदीने के 5 पत्तों को लगभग 150 मिलीलीटर पानी में पकाएं। जब पानी केवन आधा कप बच जाए तो इसे छानकर दिन में 3 गर्म करके सेवन करें। इसके सेवन से दस्त रोग ठीक होता है। 
• यदि कोई छोटा बच्चा दस्त रोग से परेशान हो तो उसे तुलसी के पत्तों के रस में चीनी मिलाकर पिलाएं। इससे छोटे बच्चे को पतले दस्त आने बंद हो जाते हैं। 
• तुलसी और अदरक का रस मिलाकर पीने से दस्त का बार-बार आना ठीक होता है। 
• तुलसी के पत्तों का काढ़ा बनाकर 10 मिलीलीटर की मात्रा में सेवन करने से दस्त रोग के कारण उत्पन्न पेट की मरोड़ व कब्ज दूर होती है।
मस्तिष्क की गर्मी : 
• रोगी को प्रतिदिन तुलसी के 5 पत्ते और कालीमिर्च को पीसकर 1 गिलास पानी में मिलाकर सुबह पीना चाहिए। इससे मस्तिष्क की गर्मी दूर होती है।
मिर्गी :
• तुलसी के पत्ते को पीसकर मिर्गी से पीड़ित रोगी के पूरे शरीर पर मालिश करें। इसके उपयोग से मिर्गी के दौरे शांत होते हैं।
मुर्च्छा (बेहोशी) : 
• तुलसी के पत्तों का रस निकालकर उस रस में नमक मिलाकर नाक में डालने से बेहोशी दूर होती है। 
• तुलसी के पत्तों का रस निकालकर धीरे-धीरे माथे पर मलने से और 2 बूंद नाक में डालने से बेहोशी दूर होती है।
मलेरिया का बुखार : 
• प्रतिदिन तुलसी के पत्ते सेवन करने से मलेरिया का बुखार ठीक होता है। मलेरिया के बुखार से पीड़ित रोगी का जब बुखार उतर जाए तो उसे सुबह के समय तुलसी के 15 पत्ते और 10 कालीमिर्च खिलाना चाहिए। इससे मलेरिया का बुखार दुबारा नहीं होता। 
• 20 तुलसी के पत्ते, 10 कालीमिर्च और एक चम्मच चीनी मिलाकर काढ़ा बनाकर मलेरिया बुखार से पीड़ित रोगी को सेवन कराएं।

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