Google+

Sunday, March 30, 2014

सौंफ ...

सौंफ --
सौंफ त्रिदोषनाशक है. इस की तासीर ठंडी है , पर यह जठराग्नि को मंद नहीं करती.
- आंखों की रोशनी सौंफ का सेवन करके बढ़ाया जा सकता है। सौंफ और मिश्री समान भाग लेकर पीस लें। इसकी एक चम्मच मात्रा सुबह-शाम पानी के साथ दो माह तक लीजिए। इससे आंखों की रोशनी बढती है।
- सौंफ खाने से पेट और कब्ज की शिकायत नहीं होती। सौंफ को मिश्री या चीनी के साथ पीसकर चूर्ण बना लीजिए, रात को सोते वक्त लगभग 5 ग्राम चूर्ण को हल्केस गुनगने पानी के साथ सेवन कीजिए। पेट की समस्या नहीं होगी व गैस व कब्ज दूर होगा।

हिन्दू नव वर्ष......

नव वर्ष और नवरात्रो कि आप सभी को शुभकामनाये 
माँ भवानी कि कृपा से इस वर्ष आपको और देश को प्रगति,,शांति और समृद्धि की प्राप्ति हो 
जय माँ भवानी ,,,,हर हर महादेव
नव विक्रम संवत्सर ' प्लवंग ' २०७१ की हार्दिक शुभकामनाये .....

Saturday, March 29, 2014

प्रेम की गति....

मनुष्य के ह्रदय में प्रेम से मूल्यवान कुछ भी नहीं है। 
इसलिए प्रेम जैसे जैसे विकसित हो, देह का 
प्रेम भी सुंदर है लेकिन उस पर रुकना नहीं है। मन का 
प्रेम भी सुंदर है लेकिन उस पर भी ठहरना नहीं है। 
आत्मप्रेम भी सुंदर है लेकिन पहुंचना तो परमात्मा तक 
है, तभी सारी जंजीरें टूटेंगी।

Friday, March 28, 2014

ध्यान....

दुख पर ध्यान दोगे तो हमेशा दुखी रहोगे, सुख पर ध्यान देना शुरू करो। दअसल, तुम जिस पर ध्यान देते हो वह चीज सक्रिय हो जाती है। ध्यान सबसे बड़ी कुंजी है।

आंवला.....

आँवले का मुरब्बा और गुलकंद
बहुत क्रोध आता हो तो सुबह आँवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन खाएँ और शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दूध पी लें। क्रोध आना शांत हो जाएगा।

चिन्तन...

मनुष्य जैसा चिन्तन करता है वैसा उसका चित्त हो जाता है। जैसा लक्ष्य रखता है वैसे लक्षण उसमें आने लगते है।

प्रेम.......

प्रेम.......
प्रेम साधन भी है और साधनोँका फल (साध्य) भी।परमात्माकी ही भाँति प्रेमका स्वरुप भी अनिर्वचनीय है,गूँगे के स्वादकी तरह यह वाणीका विषय नहीँ होता।इसलिए प्रेमका स्वरुप अलौकिक बतलाया गया है;क्योँकि वह लोकसे सर्वदा विलक्षण है।लौकिक प्रेम भोग-कामनाओँ और दुर्वासनाओँसे वासित होनेके कारण शुद्ध नहीँ होता।
ग़ज़ल गुनगुनाऊं या गीत गुनगुनाऊं
बोल मेरे मीत तुझे कैसे मनाऊँ
तुम्हें इस सृष्टि में प्रेम ही प्रेम दिखेगा यदि उसे देखने वाली दृष्टि हो|

छोड़ना - पाना ....

जीवन की हर घटना छोड़ने की कला सिखाती है| जब तुम्हें छोड़ना आ जाता है, तो तुम आनंद से भर जाते हो, और जब तुम आनंदमय होते हो, तो तुम्हें और दिया जाता है|

जीवन की सच्चाइयां .....

जीवन की कुछ सच्चाईयाँ -
- एक महंगे मोबाइल फ़ोन के 70% आकर्षण हम उपयोग नहीं कर पाते।
- एक बहुत महंगी कार की 70% रफ़्तार की हमें जरूरत नहीं है।
- एक आलीशान बंगले का हम 70% उपयोग नहीं कर पाते।
- एक कपड़ो से भरी अलमारी के 70% कपड़े हम नहीं पहन पाते।
- एक पूरी जिंदगी की कमाई का 70% हम दूसरों के उपयोग के लिए छोड़ जाते हैं। इसलिए हम जो 30% का उपभोग करते हैं, उसका पूर्ण उपयोग करें और इसमें ही सीमित रहने का प्रयास करें।

खाना....

खाना....
निश्चित समय पर ही खाना चाहिए। सारा दिन मुंह चलते रहना जानवरों की आदत होती है, इन्सानों की नहीं ! भूख लगने पर ही निश्चित मात्रा मैं खाना चाहिए !!!

Thursday, March 27, 2014

मौन.....

अकेले होना और मौन एक ही अनुभव के दो आयाम हैं, एक ही सिक्के के दो पहलू। यदि कोई मौन को अनुभव करना चाहता है तो उसे अपने अकेलेपन में जाना होगा। वह वहां है। 

दही....

1- त्वचा को नर्म और साफ रखने के लिए दही में नींबू का रस मिलाकर चेहरे, गले व बाहों पर लगाने से त्वचा में चमक आती है।
2- दही में बेसन मिलाकर लगाने से त्वचा की सफाई हो जाती है। इस प्रयोग स मुंहासों में भी लाभ होता है। 
3- दही में आटे का चोकर मिलाकर दस मिनट रखें। फिर इसे उबटन की तरह प्रयोग करें। इस उबटन से त्वचा को विटामिन ‘सी’ व ‘ई’ मिलता है जिससे उसमें चमक बनी रहती है। 

कमर दर्द....

कमर दर्द से बचने के घरेलू उपाय
1. रोज सुबह सरसों या नारियल के तेल में लहसुन की तीन-चार कलियॉ डालकर (जब तक लहसुन की कलियां काली न हो जायें) गर्म कर लें। ठंडा होने पर इस तेल से कमर की मालिश करें।

2. नमक मिले गरम पानी में एक तौलिया डालकर निचोड़ लें। इसके बाद पेट के बल लेट जाएं। दर्द के स्थान पर तौलिये से भाप लें। कमर दर्द से राहत पहुंचाने का यह एक अचूक उपाय है।

सर दर्द....

सर दर्द:
निम्बू चाय में निचोड़ कर पीने से लाभ होता है|निम्बू कि पत्तियों को कूट कर रस निकालकर सूंघने से भी सर दर्द ठीक हो जाता है|दिल घबराने,छाती में जलन होने पर ठन्डे पानी में निम्बू निचोडकर पीने से लाभ होता है|चक्कर आने पर एक कप गरमपानी में डेढ़ चम्मच निम्बू का रस डालकर पीने से लाभ होता है|

नीम्बू ....

कब्ज:
निम्बू का रस गर्म पानी में डालकर रात में लें तो सुबह खुलकर पेट साफ़ हो जाता है|निम्बू का रस और शक्कर १२ ग्राम एक गिलास पानी में मिलाकर सब को पिने से कुछ दिनों में पुराने से पुराना कब्ज ठीक हो जाता है|

फानी दुनिया....

यह ना सोच तेरे बगैर कुछ नहीं होगा यहाँ ...
रोज़ यहाँ किसी को "आना"
तो किसी को "जाना" पड़ेगा...||

Wednesday, March 26, 2014

खांसी , जुकाम .....

• जुखाम के लिए 2 चम्मच अजवायन को तवे पर हल्का भूने और फ़िर उसे एक रूमाल या कपडे में बांध ले और पोटली बना ले......उस पोटली को नाक से सूंघे और सो जाए

• खांसी के लिए रोज दिन में 3 बार हल्के गर्म पानी में आधा चम्मच सैंधा नमक डाल कर गरारे(gargles) करे सुबह उठ कर दोपहर को और फ़िर रात को सोने से पहले.............

संगठन......

संगठन.....
वैसे तो आप अकेले भी काफी कुछ कर सकते है , लेकिन यदि आप संगठित है और संगठन में आप स्नेहशील और सहयोगी है तो फिर आप और अधिक मूल्यवान हो जाते है !!! अकेले आप कुछ करे या न करे सगठन में बहुत कुछ किया जा सकता है !!!

Tuesday, March 25, 2014

समय ....

हर दिन कुछ न कुछ सिखाता है समय
इस जिन्दगी के अनुभव बताता है समय
जो चला इस वक़्त की रफ़्तार के संग संग
उसे बहुत से तोहफे दे जाता है समय.........

कथनी और करनी < > कहना और करना.......

संत शिरोमणी कबीरजी ने मनुष्य की कथनी और करनी के विषय में कहा हैं कि व्यक्ति के मुँह से जैसी बात निकले, उसी पर यदि आचरण किया जाय और वैसी ही चाल चली जाय, तो पारब्रह्म परमेश्वर तो अपने पास ही खड़ा है, वह उसे उसी क्षण निहाल कर देगा। मतलब यह कि मनुष्य की कथनी और करनी में अंतर नही होना चाहिए !!!

'' निरोगधाम ''

ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद्दुःखभाग्भवेत् ।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
सब स्वस्थ रहे , व्यस्त रहे , मस्त रहे ,,,
हमारा प्रयत्न यही अविराम , 
हर घर बने ' निरोगधाम ' ...........................

ॐ....ॐ.....ॐ.......

यह है एक अक्षर का महामंत्र
धर्म के अंतर्गत मंत्रों का विशेष महत्व है। इन मंत्रों के माध्यम से कई विशेष सिद्धियां प्राप्त की जा सकती है। धर्म शास्त्रों में एक ऐसे मंत्र का उल्लेख है जो केवल एक अक्षर का है। इसे एकाक्षर मंत्र भी कहते हैं। इस मंत्र में संपूर्ण सृष्टि समाई हुई है। यह मंत्र है- ऊँ।
इसे ओंकार मंत्र भी कहते हैं।
ऊँ प्रणव अक्षर है। इसमें तीन देव अर्थात ब्रह्मा, विष्णु व महेश की शक्ति समाहित है। ऊँ को निराकार ब्रह्म का स्वरूप माना गया है। ऊँ की ध्वनि एक ऐसी ध्वनि है जिसकी तरंग बहुत प्रभावशाली होती है। ऊँ के उच्चारण सेकई सारे फायदे हैं, जैसे-
लाभ
- विभिन्न ग्रहों से आने वाली अत्यंत घातक अल्ट्रावायलेट किरणों का प्रभाव ओम की ध्वनि की गूंज से समाप्त हो जाता है। मतलब बिना किसी विशेष उपाय के भी सिर्फ ऊँ के जप से भी अनिष्ट ग्रहों के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
- ऊँ का उच्चारण करने वाले के शरीर का विद्युत प्रवाह आदर्श स्तर पर पहुंच जाता है।
- इसके उच्चारण से इंसान को वाक्सिद्धि प्राप्त होती है।
- नींद गहरी आने लगती है। साथ ही अनिद्रा की बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाता है।
-मन शांत होने के साथ ही दिमाग तनाव मुक्त हो जाता है।

संघर्ष.......

अपने उद्देश्य को पाने के लिए संघर्ष करना निष्क्रिय रहने से कहीं अधिक बेहतर है।

लौंग के फायदे .....

भोजन में लौंग का इस्तेमाल कई पाचन संबंधी समस्याओं में आराम पहुंचाता है
इतना ही नहीं, लौंग का सेवन शरीर की प्रतिरोधी क्षमता को बढ़ाता है और रक्त शुद्ध करता है। इसका इस्तेमाल मलेरिया, हैजा जैसे रोगों के उपचार के लिए दवाओं में किया जाता है। डायबिटीज में लौंग के सेवन से ग्लूकोज का स्तर कम होता है। लौंग का तेल 
पेन किलर के अलावा मच्छरों को भी दूर भगाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है।

शहतूत ....

गर्मियां अभी अच्छी तरह से नहीं आई लेकिन बाजार में शहतूत (Shahtoot) मिलने लगे हैं. गर्मियों में शहतूत आपके दिमाग, और शरीर दोनों को चुस्त दुरुस्त रखता है. शहतूत के शर्बत (Shahtoot Sharbat) के तो क्या कहने!
यदि आपके शहर में शहतूत उपलब्ध हों तो इसका शर्बत अवश्य बनाईये. इसका शर्बत बनाना बहुत आसान है. 
आवश्यक सामग्री - 
शहतूत - 200 ग्राम
चीनी - 200 ग्राम
पानी - 1.5
नीबू - 1
बर्फ के क्य़ूब्स -
शहतूत की डंडिया तोड़कर साफ कर लीजिये और इसे शहतूत को अच्छी तरह से धो लीजिये,

शहतूत और चीनी मिलाकर मिक्सर में डालिये और बारीक पीस लीजिये.
पिसे हुये शहतूत के पेस्ट में पानी मिलाइये और छान लीजिये. नीबू का रस निचोड़ कर मिला दीजिये.
शहतूत का शरबत (Shahtoot Sharbat) तैयार है, शरबत को गिलासों में डालिये, बर्फ का क्रस डाल कर पीने के लिये दीजिये और पीजिये. 200 शहतूत से बने शर्बत को को 8 - 10 गिलास में भरा जा सकता है.
शहतूत के शरबत (Shahtoot Sharbat) को फ्रिज में रखकर आप दूसरे दिन तक परोस सकते हैं लेकिन सबसे अच्छा तो यह है कि आप इसे एकदम ताजा ही पिए और पिलाये  !!!

Monday, March 24, 2014

सरदर्द.......

सरदर्द .......
सरदर्द के लिए अचूक "प्राकृतिक चिकित्सा "मात्र पांच मिनट में सरदर्द "गायब"
नाक के दो हिस्से हैं दायाँ स्वर और बायां स्वर जिससे हम सांस लेते और छोड़ते हैं ,पर यह बिलकुल अलग - अलग असर डालते हैं और आप फर्क महसूस कर सकते हैं |
दाहिना नासिका छिद्र "सूर्य" और बायां नासिका छिद्र "चन्द्र" के लक्षण को दर्शाता है या प्रतिनिधित्व करता है |
सरदर्द के दौरान, दाहिने नासिका छिद्र को बंद करें और बाएं से सांस लें |
और बस ! पांच मिनट में आपका सरदर्द "गायब" है ना आसान ?? और यकीन मानिए यह उतना ही प्रभावकारी भी है..

अंकुरण की विधि -


अंकुरित करने वाले बीजों को कई बार अच्छी तरह पानी से धोकर एक शीशे के जार में भर लें शीशे के जार में बीजों की सतह से लगभग चार गुना पानी भरकर भीगने दें अगले दिन प्रातःकाल बीजों को जार से निकाल कर एक बार पुनः धोकर साफ सूती कपडे में बांधकर उपयुक्त स्थान पर रखें ।

गर्मियों में कपडे के ऊपर दिन में कई बार ताजा पानी छिडकें ताकि इसमें नमी बनी रहे।

गर्मियों में सामान्यतः २४ घंटे में बीज अंकुरित हो उठते हैं सर्दियों में अंकुरित होने में कुछ अधिक समय लग सकता है । अंकुरित बीजों को खाने से पूर्व एक बार अच्छी तरह से धो लें तत्पश्चात इसमें स्वादानुसार हरी धनियाँ, हरी मिर्च, टमाटर, खीरा, ककड़ी काटकर मिला सकते हैं द्य यथासंभव इसमें नमक न मिलाना ही हितकर है।

अंकुरित अन्न.......


अंकुरित करने के लिये चना, मूँग, गेंहू, मोठ, सोयाबीन, मूँगफली, मक्का, तिल, अल्फाल्फा, अन्न, दालें और बीजों आदि का प्रयोग होता है। अंकुरित भोजन को कच्चा, अधपका और बिना नमक आदि के प्रयोग करने से अधिक लाभ होता है। एक दलीय अंकुरित (गेहूं, बाजरा, ज्वार, मक्का आदि) के साथ मीठी खाद्य (खजूर, किशमिश, मुनक्का तथा शहद आदि) एवं फल लिए जा सकते हैं। 
द्विदलीय अंकुरित (चना, मूंग, मोठ, मटर, मूंगफली, सोयाबीन, आदि) के साथ टमाटर, गाजर, खीरा, ककड़ी, शिमला मिर्च, हरे पत्ते (पालक, पुदीना, धनिया, बथुआ, आदि) और सलाद, नींबू मिलाकर खाना बहुत ही स्वादिष्ट और स्वास्थ्यदायक होता है। इसे कच्चा खाने बेहतर है क्यों कि पकाकर खाने से इसके पोषक तत्वों की मात्रा एवं गुण में कमी आ जाती है। अंकुरित दानों का सेवन केवल सुबह नाश्ते के समय ही करना चाहिये। एक बार में दो या तीन प्रकार के दानों को आपस में मिला लेना अच्छा रहता है। यदि ये अंकुरित दाने कच्चे खाने में अच्छे नहीं लगते तो इन्हें हल्का सा पकाया भी जा सकता है। फिर इसमें कटे हुए प्याज, कटे छोटे टमाटर के टुकड़े, बारीक कटी हुई मिर्च, बारीक कटा हुई धनिया एकसाथ मिलाकर उसमें नींबू का रस मिलाकर खाने से अच्छा स्वाद मिलता है।

संतरे के छिलके....


स्किन को ग्लोइंग बनाते हैं- संतरे के छिलके में क्लीजिंग, एंटी फंगल और एंटी बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो कि पिंपल और एक्ने से लडऩे में सहायक होते हैं। संतरे के छिलके को सुखाकर पीसकर उसे दही मिलाकर स्किन पर लगाने से स्किन ग्लोइंग व स्मूथ बनती है। संतरे के छिलकों को बेसन में मिलाकर लगाना ऑइली स्किन वालों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है और पिंपल्स को खत्म कर देता है।

Sunday, March 23, 2014

सिरदर्द :

अगर किसी को सिरदर्द की समस्या अधिक रहती है तो उसे किसी आयुर्वेदाचार्य अथवा प्राकृतिक चिकित्सक की सलाह से त्रिफला का नियमित सेवन करना चाहिए.त्रिफला सिरदर्द को कम करने में मददगार सिद्ध होता है.

संतरा.....


बालों को खूबसूरत बनाता है- अगर आपके बाल एकदम रफ और बेजान दिखाई देते हैं तो संतरे के छिलके आपके लिए वरदान साबित हो सकते हैं। संतरे के छिलकों को पीसकर बालों में लगाकर कुछ देर रखें और फिर बाल धो लें। बाल चमकीले और मुलायम हो जाएंगे। संतरे के छिलकों को पीस कर उसमे गुलाब जल मिलाकर चहरे पर लगाने से दाग व धब्बे मिटते हैं।

मैथी दाना....

रसोई में प्रयोग होने वाला मेथीदाना आप की जिंदगी बादल सकता है ,रोज़ाना सुबह एक गिलास ताज़े पानी के साथ एक चम्मच मेथीदाना खाते रहने से आप अपने मोटापे को कम कर सकते है , आप का शूगर ( मधुमेह ) रोग ठीक हो सकता है , घुटने और जोड़ों का दर्द ठीक हो सकता है , वात पित्त कफ को संतुलित रखता है , कब्ज़ को दूर करता है , नींद अच्छी आयेगी , !!!

केलोस्ट्रोल ....


लहसुनः 2 कली लहसुन रोजाना दिन में 2 बार सेवन करें। लहसुन की चटनी भी ले सकते हैं। लहसुन हानिकारक जीवाणुओं को नष्ट करता है। इसमें निहित गंधक तत्त्व रक्त के कोलस्ट्रोल को नियंत्रित करता है और उसके जमाव को रोकने में सहायक है।

अंकुरित दाने.......


अंकुरित दानों का सेवन केवल सुबह नाश्ते के समय ही करना चाहिये। 
अंकुरित आहार शरीर को नवजीवन देने वाला अमृतमय आहार कहा गया है।
अंकुरित भोजन क्लोरोफिल, विटामिन (`ए´, `बी´, `सी´, `डी´ और `के´) कैल्शियम, फास्फोरस, पोटैशियम, मैगनीशियम, आयरन, जैसे खनिजों का अच्छा स्रोत होता है।
अंकुरीकरण की प्रक्रिया में अनाज/दालों में पाए जाने वाले कार्बोहाइट्रेड व प्रोटीन और अधिक सुपाच्य हो जाते हैं।

भगवान् का नाम [ जाप ]


अच्छा खाने से, अच्छा पहनने से, अच्छा रहने से तो मन "भर" सकता है,लेकिन "भगवन्नाम" लेने से मन भरता ही नहीं उल्टे प्यास ज्यादा बढती रहतीं हैं!!! 

Saturday, March 22, 2014

ए जिंदगी जितना तू हमें सताएगी 
उतना ही हम तुझे सतायेंगे ,
तू सितम करती जा ,
हम हर हाल में मुस्कुराएँगे ! 
जन्म लिया है तो सिर्फ साँसे मत लीजिये,
जीने का शौक भी रखिये..
शमशान ऐसे लोगो की राख से...
भरा पड़ा है
जो समझते थे...
दुनिया उनके बिना चल नहीं सकती... ...💕💕
डॉक्टर की मानने वाले......

बहुत तेज बारिश हो रही थी। एक बुढिया दिल्ली से
चण्डीगढ जाने वाली बस में चढी। ड्राईवर से
कहा कि पानीपत आ जाए तो बता देना।
बस चलती रही, पानीपत निकल गया पर ड्राईवर
बुढिया को बताना भूल गया और बस अम्बाला पहुँच
गयी। बुढिया ने पूछा ये कौन सी जगह है
तो ड्राईवर बोला, ताई पानीपत तो बहुत पीछे रह
गया।
बुढिया रोने लगी और कहने लगी कि मुझे पानीपत ले
चलो। काफी ना नुकर के बाद और बुढिया की हालत
देखते हुए जब सभी यात्रियों ने भी कंडक्टर
को वापस पानीपत चलने को कहा तो ड्राईवर वापस
चल दिया।
पानीपत पहुँचने पर जब बस रुकी तो कंडक्टर बोला,
ताई पानीपत आ गया, उतर। बुढिया बोली,
उतरना किसको है? कंडक्टर बोला तो बस वापस
क्यों कराई? मुझे तो डाक्टर ने बोला था कि पानीपत
पहुँचकर दवाई खा लेना।
यही आज का चलन है .......
एक नगर में एक मशहूर चित्रकार रहता था । चित्रकार ने एक बहुत सुन्दर तस्वीर बनाई और उसे नगर के चौराहे मे लगा दिया और नीचे लिख दिया कि जिस किसी को , जहाँ भी इस में कमी नजर आये वह वहाँ निशान लगा दे । जब उसने शाम को तस्वीर देखी उसकी पूरी तस्वीर पर निशानों से ख़राब हो चुकी थी । यह देख वह बहुत दुखी हुआ । उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या करे वह दुःखी बैठा हुआ था । तभी उसका एक मित्र वहाँ से गुजरा उसने उस के दुःखी होने का कारण पूछा तो उसने उसे पूरी घटना बताई । उसने कहा एक काम करो कल दूसरी तस्वीर बनाना और उस मे लिखना कि जिस किसी को इस तस्वीर मे जहाँ कहीं भी कोई कमी नजर आये उसे सही कर दे । उसने अगले दिन यही किया । शाम को जब उसने अपनी तस्वीर देखी तो उसने देखा की तस्वीर पर किसी ने कुछ नहीं किया । वह संसार की रीति समझ गया । "कमी निकालना , निंदा करना , बुराई करना आसान , लेकिन उन कमियों को दूर करना अत्यंत कठिन होता है " !!!
शहीद दिवस २३-३-२०१४........

"शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा....."

------------प्रणाम---------------------------------
संत शिरोमणी कबीरजी कहते हैं कि अरे भाई, यह माया मोह तुम्हारे गले में बाहें डालकर भी सौ सौ बार बुलाये, तो भी इससे मिलना जुलना अच्छा नहीं । एक बार इसके जाल में फंसने पर बच पाना मुश्किल है. क्योकि जब यह नारद सरीखे मुनिवरों को भी समूचा ही निगल गई, तब इसका विश्वास क्या ?

शीघ्र पतन एवं वीर्य की कमी:: तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से समस्या दूर होती है

नपुंसकता:: तुलसी के बीज 5 ग्राम रोजाना रात को गर्म दूध के साथ लेने से नपुंसकता दूर होती है और यौन-शक्ति में बढोतरि होती है।
नजरिया अपना अपना

दो बहुत ही वृद्ध सज्जन एक बगीचे में बैठे गप्पे लगा रहे थे. 
एक ने कहा -- मुझे पूरे शरीर में परेशानी है. सभी हिस्से जवाब दे रहे हैं और शरीर मेंबहुत दर्द रहता है. तुम कैसा अनुभव करते हो?
दूसरे ने बिना दांत के मुस्कुरा कर कहा -- मैं तो नवजात बच्चे की भांति महसूस करता हूँ.
पहले वाले ने आश्चर्य के साथ कहा-- वास्तव में! एक नवजात बच्चे की तरह?
दूसरे ने फिर हंसते हुए कहा -- बाल नहीं, दांत नहीं, शरीर पर अपना नियंत्रण नहीं और हाँ मैंने अपनी पैंट गीली कर ली है.

अज्ञात
मुस्कुराएं................

क्यों?

क्योंकि आप इसे आसानी से कर सकते हैं.!!!
शीतला माता की पूजा के दिन घर में चूल्हा नहीं जलता है। आज भी लाखों लोग इस नियम का बड़ी आस्था के साथ पालन करते हैं। शीतला माता की उपासना अधिकांशत: वसंत एवं ग्रीष्म ऋतु में होती है। शीतला (चेचक रोग) के संक्रमण का यही मुख्य समय होता है। इसलिए इनकी पूजा का विधान पूर्णत: सामयिक है। चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ और आषाढ के कृष्ण पक्ष की अष्टमी शीतला देवी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित होती है। इसलिए यह दिन शीतलाष्टमी के नाम से विख्यात है।
सेब.......
 सेब के छिलके में फेनोलिक पाया जाता है, जो कोलेस्ट्रोल का स्तर कम करता है !!!
गाय का गोबर.....
गाय के गोबर में 16 प्रकार के उपयोगी खनिज पाये जातें हैं। गोमूत्र में आक, नीम व तुलसी आदि उबालकर, कई गुना पानी में मिलाकर बढ़िया कीट नियंत्रण बनते हैं। गोबर की खाद प्राकृतिक है इससे धरती की उर्वरा शक्ति बनी रहती है। जबकि रसायनिक खाद व कीटनाशकों से धरती बंजर हो जाती है।

Friday, March 21, 2014

हृदयरोग के कारणः
युवावस्था में हृदयरोग होने का मुख्य कारण अजीर्ण व धूम्रपान है। धूम्रपान न करने से हृदयरोग की सम्भावना बहुत कम हो जाती है। फिर भी उच्च रक्तचाप, ज्यादा चरबी, कोलेस्ट्रोल अधिक होना, अति चिंता करना और मधुमेह भी इसके कारण हैं।

मोटापा, मधुमेह, गुर्दों की अकार्यक्षमता, रक्तचाप, मानसिक तनाव, अति परिश्रम, मल-मूत्र की हाजत को रोकने तथा आहार-विहार में प्राकृतिक नियमों की अवहेलना से ही रक्त में वसा का प्रमाण बढ़ जाता है। अतः धमनियों में कोलस्ट्रोल के थक्के जम जाते हैं, जिससे रक्त प्रवाह का मार्ग तंग हो जाता है। धमनियाँ कड़ी और संकीर्ण हो जाती हैं।
मुंहासों के दाग-धब्बे के लिए घरेलू नुस्खे ------------
*टमाटर के रस में रुई भिगोकर दागो पर मलें। या टमाटर में नींबू की दस-बारह बूंदे मिलाएं इस मिश्रण को चेहरे पर मलने से दाग- धब्बे दूर होते हैं।

*जायफल को घिसकर दस पीसी काली मिर्च व थोड़े कच्चे दूध में मिलाकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं। दो घंटे बाद चेहरा धो लें।

*मसूर की दाल और बरगद के पेड़ की नर्म पत्तियां पीसकर लेप करें

*सूखी हल्दी की गांठ को नींबू के रस में घिस कर लगाने से भी दाग- धब्बे तेजी से मिटने लगते हैं।

*त्वचा पर जहां पर चकते हो उन पर नींबू का टुकड़ा रगड़े या नींबू में फिटकरी भरकर रगड़े। इससे चकते हल्के पड़ जाएंगे और त्वचा में निखार आएगा।
शनि ग्रह के उपाय [शनि कृपा पाने के लिए ]
1.असमर्थ व्यक्ति की सहायता
2.नशा का प्रयोग बिलकुल नहीं करे
3.चुकंदर बरी इलाइची और हरर का प्रयोग करे
4.पीपल के बृक्ष के निचे बैठे
5.सरसों तेल का प्रयोग कम करे
6.रात को सोते समय जीरा का प्रयोग करे
7.नाभि में सरसों तेल लगाबे
8.हिंग का प्रयोग करे
9.कभी कभी नौकर को कुछ दान दे
10.तिल के तेल का दीपक जलाबे
11.कपाल भारती प्राणायाम करे
12.उरद का प्रयोग नहीं करे
13.देर रात तक नहीं जगे
14.चमरा का प्रयोग नहीं करे
15.परिवार के सभी लोग साथ बैठकर भोजन करे
16.ॐ शं शनेश्चारय नमः का रात को पश्चिम मुख होकर जप करे
17.शनि कमजोर हो तो शनि के वस्तु का दान करे अगर अछा हो दान मत करे ! 
उपरोक्त बातों का पालन करिए शनि कृपा अवश्य होगी !!!
जूतों और पाँव के तालुओं से आने वाली गंध दूर करने का देसी उपाय
सन्तरे के छिल्कों के फेंके नहीं, रात में इन्हें दुर्गन्ध मार रहे जूतों के अंदर रख दें, अगली सुबह इन छिलकों को फेंक दें, जूतों से दुर्गन्ध दूर हो जाएगी। जिनके पाँवों के तालुओं से गंध आती है उसे दूर करने का देसी उपाय भी जान लीजिए..चाय बनाकर चायपत्तियों को छानने के बाद फ़ेंकें नहीं। दिन भर में जितने बार भी चाय बने, पत्तियों को छानकर एकत्र करलें, रात सोने से पहले सारी चायपत्ती को बडे बर्तन में उबालें और जब यह गुनगुना हो जाए तो अपने तालुओं को इस पानी में करीब २० मिनिट तक डुबोकर रखें। जो घर में चाय नहीं पीते वे चायपत्ती (२० ग्राम, करीब ५ चम्मच) लेकर १ लीटर पानी में १० मिनिट उबालकर इसे तैयार कर सकते हैं। ऐसा सप्ताह में सिर्फ एक बार ही करें, एक महीने में समस्या से हमेशा का छुटकारा मिल जाएगा।
दो कली लहसुन की खाली पेट लेने से केलोस्ट्रोल  में फायदा होता है। केलोस्ट्रोल  कम होता है !
लौकी का एक कप जूस  सुबह खाली पेट लेने से उच्च रक्त चाप कम होने में फायदा करता है।
खुशियाँ बटोरते बटोरते उम्र गुजर गई # पर खुश न हो सके #### 
एक दिन एहसास हुआ ....... खुश तो वो लोग हैं जो खुशियाँ बाँट रहे थे ।।।
अहंकारी किसी के पास जाने के लिए तैयार नहीं होता और क्रोधी के पास कोई आना नहीं चाहता !! अतः क्रोध और अहंकार से बचे , सहज सरल व् प्रसन्न रहे , जीवन का मार्ग सुगम हो जायेगा !!! 
- आंवले के रस के साथ बादाम तेल की मालिश बालों का झड़ना, असमय सफेद होना, पतला होना और डैंड्रफ रोक सकती है।दो-तीन बूंद बादाम रोगन व एक चम्मच शहद की मालिश रोमकूप खोल चेहरे पर चमक लाती है।
मालूम है हमें कि बहुत चाहा है ज़माने ने हमें ............. 
हम अजीज तो सबके है मगर जरुरत की तरह …… !
योगासन द्वारा पाचन संस्थान सबल बनाये ! इसके लिए वज्रासन , पवनमुक्तासन , पाद हस्तासन , नियमित रूप से करे !!!बिना भूख के भोजन न करे   ! भूख से अधिक खाए न , कब्ज न रहने दे ! [ निरोगधाम पत्रिका के जनवरी  २०१४  के अंक से ] ......
रंग पंचमी के शुभ अवसर पर सबको हार्दिक शुभकामनाये !!!
बीमारियों से बचना हो तो सेब खाना न भूलें

एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर सेब में कई बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करने की क्षमता होती है, क्योंकि कोशिकाओं की सामान्य गतिविधियों के दौरान ऑक्सीडेशन की प्रक्रिया को नुकसान से बचाव में एंटी ऑक्सीडेंट मददगार होते हैं। सेब में एंटी ऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, जिनके कारण यह फल कैंसर, मधुमेह, अल्जाइमर जैसी समस्याओं से बचाव कर सकता है।

Thursday, March 20, 2014

जिस ग्रन्थ मैं हित आयु , अहित आयु , सुख आयु और दुःख आयु इन चार प्रकार की आयु के लिए हित [पथ्य ] अहित [अपथ्य ] इस आयु का मान [ प्रमाण और अप्रमाण ] और आयु का स्वरूप बताया गया हो , उसे आयुर्वेद शास्त्र कहा जाता है !!!

मोह से अक्ल का नाश हो जाता है , अक्ल नाश से सर्वनाश होता है !!!

मोह से अक्ल का नाश हो जाता है , अक्ल नाश से सर्वनाश होता है !!!

अगर प्रेम मैं आसक्ति हो तो वो प्रेम नहीं रहता मोह हो जाता है !!!

अगर प्रेम मैं आसक्ति हो तो वो प्रेम नहीं रहता मोह हो जाता है !!!