Google+

Friday, January 7, 2022

मिट्टी

मिट्टी से अपनी जो भी वफाएं न कर सका
वो पेड़ आंधियों में जड़ों से उखड़ गया
उसने भी सबके साथ मेरी की मुखालिफत 
जिसके लिए मैं सारे जमाने से लड़ गया 
जिस दिन मेरे उरूज ( तरक्की ) की उसने खबर सुनी
उस दिन से उसका जहनी तवाजुम बिगड़ गया

No comments:

Post a Comment