'पेट भरे' होने पर ही सुझती है , दुनिया भर की 'बदमाशियाँ' .
वरना 'भूखा पेट' लेकर कोई , "ईश्क" नहीं करता ...!
वरना 'भूखा पेट' लेकर कोई , "ईश्क" नहीं करता ...!
भूख लगी तो तंदूर की सूझी ,
भर गया पेट तो दूर की सूझी.....
भर गया पेट तो दूर की सूझी.....
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