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Wednesday, May 21, 2014

दूसरों की अपेक्षाओं को पूरा करना बंद करो, क्योंकि यह एक मात्र ढंग है जिससे तुम आत्महत्या कर सकते हो। तुम यहां किसी की भी अपेक्षाएं पूरी करने के लिए नहीं हो और कोई भी यहां तुम्हारी अपेक्षाएं पूरी करने के लिए नहीं हैं। दूसरों की अपेक्षाओं के कभी भी शिकार मत बनो और किसी दूसरे को अपनी अपेक्षाओं का शिकार मत बनाओ।
यही है जिसे मैं निजता कहता हूं। अपनी निजता का सम्मान करो और दूसरों की निजता का भी सम्मान करो। कभी भी किसी के जीवन में हस्तक्षेप मत करो और किसी को भी अपने जीवन में हस्तक्षेप मत करने दो। सिर्फ तब ही एक दिन तुम आध्यात्मिकता में विकसित हो सकते हो।

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